विद्युत वितरण निगम की ओर से बकाया वसूलने के झंझट से मुक्ति पाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन प्रयास रफ्तार नहीं पकड़ पा रहे हंै। निगम की ओर से मोबाइल रिचार्ज की तर्ज पर विद्युत मीटरों को भी रिचार्ज किया जाएगा। इसके तहत प्री-पेड विद्युत मीटर लगाए जाएंगे तथा रिचार्ज करने के लिए काउंटर भी लगाए जाएंगे।
विद्युत वितरण निगम की ओर से बकाया वसूलने के झंझट से मुक्ति पाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन प्रयास रफ्तार नहीं पकड़ पा रहे हंै। निगम की ओर से मोबाइल रिचार्ज की तर्ज पर विद्युत मीटरों को भी रिचार्ज किया जाएगा। इसके तहत प्री-पेड विद्युत मीटर लगाए जाएंगे तथा रिचार्ज करने के लिए काउंटर भी लगाए जाएंगे।
इसके बाद जितना रिचार्ज उतनी बिजली दी जाएगी, लेकिन इसके लिए ना तो डिस्कॉम स्तर पर नियुक्त की गई संवेदक फर्म यहां पहुंची और ना ही अभी प्री-पेड मीटर ही आए है।
विद्युत निगम का प्रयास है कि प्री-पेड मीटर लगने के बाद बिल बकाया रहने तथा वसूली करने जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। हालांकि पहले सरकारी कार्यालय भवनों में ही इसे लागू किया जाएगा। वर्तमान में सरकारी कार्यालयों पर लाखों की राशि बकाया है।
ऐसे हो रही है देरी
निगम की ओर से प्री-पेड मीटर लगाने व उन्हें रिचार्ज करने के लिए डिस्कॉम स्तर पर संवेदक ऐजेंसी को नियुक्त किया गया है। एजेंसी ने पहले प्रदेश के कुछ जिलों में यह व्यवस्था शुरू की, इसके बाद कुछ और जिले लिए गए।
इसी तरह लिए गए अन्य जिलों में बारां को शामिल किया गया। इससे यहां देरी हो रही है, लेकिन फिर भी फरवरी माह में ही संवेदक एजेंसी के यहां पहुंचने तथा काम शुरू कराने का प्रयास किया जा रहा है।
इन जगह लगेंगे प्री-पेड मीटर
योजना के तहत जिन सरकारी कार्यालयों में सिंगल व थ्री-फेज मीटर लगे है तथा प्रति माह औसत 25 एचपी से कम विद्युत भार का उपभोग किया जा रहा है। उन सभी मीटरों को बदलकर उनके स्थान पर नए प्री-पेड मीटर लगाए जाएंगे।
सरकारी स्कूल, अस्पताल, जलदाय विभाग, नगरपालिका, नगरपरिषद, ग्राम पंचायत व पंचायत समिति के कार्यालयों में लगे हुए विद्युत कनेक्शन के मीटरों को प्री-पेड किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि लाख प्रयासों के बावजूद निगम वसूली का ग्राफ खास नहीं बढ़ा है।
फिलहाल मीटर व एजेंसी के प्रतिनिधि यहां नहीं पहुंचे है, लेकिन शीघ्र ही उनके यहां आने तथा इसी माह कार्य शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। संवेदक को एईएन (शहर) कार्यालय में एक कक्ष दिया जाएगा।
एमएम कुर्मी,
अधीक्षण अभियंता, जविविनि
विभागों पर करोड़ों की राशि बकाया
विद्युत वितरण निगम के सूत्रों का कहना है विभिन्न सरकारी विभागों पर विद्युत निगम की करीब पौने दस करोड़ की राशि बकाया है। इससे सबसे पहले सरकारी कार्यालयों भवनों पर ही प्री-पेड मीटर लगाने पर जोर दिया जा रहा है।
इसमें सबसे अधिक राशि जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग पर करीब 132 लाख 26 हजार, पीडीसी (कटे हुए कनेक्शन) पर 5.23 लाख, जनता जल योजना पर दो करोड़ 28 लाख, इसके पीडीसी 20.21 लाख की राशि बकाया है। इसके अलावा केन्द व राज्य सरकार के कुछ अन्य विभागों पर भी राशि बकाया है।