सूत्रों के अनुसार बैठक में इन सभी मुद्दों पर गहन मंथन कर भावी दिशा तय की जाएगी। बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं गृहमंत्री अमित शाह आने वाले थे लेकिन ऐनवक्त पर उनकी जगह कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा का आना तय हुआ। नड्डा शुक्रवार की शाम जयपुर के शाम छह बजे सांगानेर एयरपोर्ट पर उतरेंगे। उनके साथ कई और नेता होंगे। शाम को ही वे सड़क मार्ग से पुष्कर रवाना होंगे। नई जिम्मेदारी मिलने के बाद पहले राजस्थान दौरे के मद्देनजर ऩड्डा का हवाई अड्डे के अलावा रास्ते में भी कई जगह स्वागत का कार्यक्रम है।
नड्डा के साथ पार्टी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष, सह संगठन महामंत्री वी सतीश, श्योदान सिंह, शिव कुमार भी पुष्कर मंथन में शामिल होंगे। सभी नेता तीन दिन तक पुष्कर में ही रहेंगे और बैठक में अपनी बात रखेंगे। वहीं नड्डा 9 सितंबर को पुष्कर से जयपुर आएंगे और उनका रात्रि विश्राम का कार्यक्रम भी जयपुर का है। भागवत की इन नेताओं के साथ अलग से भी मंत्रणा हो सकती है। इसमें आर्टिकल 370 के साथ कश्मीर की वर्तमान स्थिति, जनगणना और अन्य मामलों पर चर्चा होने की उम्मीद है। तीन दिवसीय इस बैठक में समाज के विविध क्षेत्रों में काम करने वाले 36 संगठनों के करीब 200 प्रमुख पदाधिकारी शामिल होंगे।
भागवत तीनों दिन बैठक में मौजूद रहेंगे। भागवत तीन सितम्बर को ही पुष्कर पहुंच चुके हैं। वह यहां 11 सितम्बर तक रहेंगे। संघ के अन्य शीर्ष अधिकारी भी पुष्कर में हैं। आरएसएस ऐसी समन्वय बैठक हर साल बुलाता है। बैठक में मजदूरों को संगठित करने वाले भारतीय मजदूर संघ’ के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी की जन्मशताब्दी वर्ष मनाने की भी योजना बनाई जाएगी। इसके तहत जन्मशताब्दी वर्ष पर आरएसएस देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित करेगा।
बैठक में पर्यावरण पर भी चर्चा हो सकती है। अभी तक प्रांत और स्वयंसेवक अपने स्तर पर ही पर्यावरण संरक्षण को लेकर सक्रिय थे, लेकिन समय की जरूरत को देखते हुए संघ ने इसे अपनी गतिविधि का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया है। अधिवक्ता परिषद, अरोग्य भारती, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, विश्व हिन्दू परिषद, भारतीय किसान संघ, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय शिक्षण मंडल, राष्ट्र सेविका समिति, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, हिन्दू जागरण मंच, विद्या भारती, कुष्ठ रोग निवारण समिति, भारतीय सिंधु सभा, सेवा भारती, अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत, दीनदयाल शोध संस्थान, नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन, पूर्व सैनिक परिषद, प्रज्ञा प्रवाह, भारत विकास परिषद, अखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति, राष्ट्रीय सीख संगत, लघु उद्योग भारती आदि के पदाधिकारी मंथन करेंगे।