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संघ के वयोवृद्ध प्रचारक धनप्रकाश त्यागी पंचतत्व में विलीन

locationजयपुरPublished: Jan 25, 2020 05:57:03 pm

Submitted by:

Prakash Kumawat

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक धनप्रकाश त्यागी शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। चांदपोल श्मशामघाट में उनके प़ौत्र (भाई के पोते) विपिन त्यागी ने पार्थिव देह को मुखाग्नि दी। इससे पहले भारतीभवन में संघ के प्रचारकों, स्वयंसेवकों सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने त्यागी को पुष्पांजलि अर्पित की।

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संघ के वयोवृद्ध प्रचारक धनप्रकाश त्यागी पंचतत्व में विलीन

संघ के वयोवृद्ध प्रचारक धनप्रकाश त्यागी पंचतत्व में विलीन
भारती भवन में शुक्रवार को त्यागी ने ली थी अंतिम सांस
त्यागी की अंतिम यात्रा में शामिल हुए सैंकड़ों स्वयंसेवक
103 वर्षीय त्यागी अंतिम सांस तक रहे पूरी तरह स्वस्थ
जयपुर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक धनप्रकाश त्यागी शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। चांदपोल श्मशामघाट में उनके प़ौत्र (भाई के पोते) विपिन त्यागी ने पार्थिव देह को मुखाग्नि दी।
इससे पहले भारतीभवन में संघ के प्रचारकों, स्वयंसेवकों सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने त्यागी को पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद सैंकड़ों स्वयंसेवकों के साथ उनकी शवयात्रा चांदपोल श्मशामघाट पहुंची। उनकी अंत्येष्टि में संघ संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख शांतिरंजन, गौसेवा प्रमुख शंकरलाल, लघु उद्योगभारती के संगठनमंत्री प्रकाश चंद्र, क्षेत्रीय प्रचारक दुर्गादास, सह क्षेत्रीय प्रचारक निम्बाराम, वरिष्ठ प्रचारक रामप्रसाद, इंद्रेश कुमार, राजेन्द्र, पूर्व मंत्री गुलाबचंद कटारिया, घनश्याम तिवाड़ी, सांसद रामचरण बोहरा, विधायक अशोक लाहोटी, पूर्व सांसद औंकारसिंह लखावत, पूर्व कुलपति लोकेश सिंह शेखावत, पुरुषोत्तम लाल चतुर्वेदी, भाजपा जयपुर शहर अध्यक्ष सुनील कोठारी सहित भाजपा के अनेक पदाधिकारी तथा धार्मिक व सामाजिक संगठनों के मौजूद थे। 103 साल की उम्र में प्रचारक धनप्रकाश त्यागी का शुक्रवार को संघ मुख्यालय भारती भवन में निधन हो गया था। त्यागी ऐसे प्रचारक थे जिन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सभी सरसंघचालकों के साथ काम किया था। वे रोजाना सुबह पांच बजे शाखा जाते थे और नियमित रूप से व्यायाम व प्राणायाम करते थे। हंसमुख स्वभाव के त्यागी रोजाना स्वाध्याय करते थे। त्यागी के भतीजे महेश,अखिलेश और अरविन्द ने बताया कि वे हमेशा एक ही बात कहते थे कि देश सेवा से बढ़कर कोई काम नहीं है। उन्होंने संघ कार्य के जरिए देशसेवा में पूरा जीवन लगा दिया ।
आपातकाल में जेल गए थे त्यागी
संघ पदाधिकारियों के अनुसार घनप्रकाश त्यागी आपातकाल के दौरान जेल गए थे। वे जेल में भी सबका उत्साह बढ़ाते रहते थे। वे स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहते थे और जेल में भी नियमित व्यायाम, प्राणायाम आदि करते थे। अंतिम सांस लेने तक वे अपना दैनिक कार्य स्वयं करते थे।
त्यागी की जीवनी—
धनप्रकाश त्यागी का जन्म 10 जनवरी 1918 में उत्तरप्रदेश के मुजफ्फर नगर जिला स्थित महपुरा गांव में सालिगराम त्यागी के घर हुआ। धनप्रकाश ने विज्ञान संकाय से उच्च माध्यमिक तक शिक्षा प्राप्त करने के बाद दिल्ली में केन्द्र सरकार में क्लर्क की नौकरी ज्वाइन कर ली। लेकिन उनका मन संघ कार्य के जरिए देश सेवा में लगा रहता था। इस दौरान वे स्वयंसेवक बने और 1942 में दिल्ली से संघ का प्राथमिक शिक्षा वर्ग, 1943 में प्रथम वर्ष 1944 में द्वितीय वर्ष तथा 47 में संघ शिक्षा वर्ग-तृतीय वर्ष का प्रशिक्षण लिया।
वे 1943 में दिल्ली के संघ विस्तारक बने। सहारनपुर नगर और अलीगढ नगर प्रचारक के रूप में संघ कार्य किया। अम्बाला, हिसार, गुरूग्राम, शिमला एवं होशियारपुर के जिला प्रचारक रहे। 1962 से 65 तक जम्मू विभाग प्रचारक रहे। संघ कार्य विस्तार के लिए उन्हें जयपुर भेजा गया और 1965 से 1971 तक जयपुर विभाग प्रचारक का दायित्व निभाया। त्यागी ने 1971 से 1986 तक भारतीय मजदूर संघ में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन किया। उन्होंने 2000 से 2005 तक सेवा भारती जागरण पत्रक के प्रकाशन का कार्यभार संभाला। त्यागी जीवन की अंतिम सांस लेने तक आज भी उन्होंने अपने स्वयं के कार्य खुद किए। उनका अधिकतर समय स्वाध्याय व लेखन में व्यतीत होता था।
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