उन्होंने कहा कि पूरे देश में राजस्थान ही ऐसा एकमात्र प्रदेश है जहां खिलाडिय़ों को राज्य स्तर पर पदक विजेता खिलाडिय़ों को प्रोत्साहन स्वरूप ईनामी राशि प्रदान की जाती है। डॉ पूनियां ने कहा कि ओलम्पिक व पैरालम्पिक खिलाडिय़ों को ईनामी राशि बढ़ाने के साथ ख्यातिनाम पूर्व खिलाडिय़ों को पेंशन देने की शुरूआत भी की गई है। उन्होंनें कहा कि स्पोट्र्स इंजूरी के कारण बीच में ही खेल छोड़ देने की गम्भीर समस्या का समाधान करते हुए विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के साथ एमओयू करते हुए इससे निजात दिलाने की पहल भी की गई है।
समारोह के विशिष्ट अतिथि एसीबी के पुलिस महानिदेशक बी. एल. सोनी ने खिलाडिय़ों से कहा कि खिलाड़ी को जीवन के प्रति सकारात्मक नजरिया अपनाते हुए आंतरिक चरित्र को मजबूत बनाने के लिए सदैव प्रयासरत रहना चाहिए। उन्होंने खिलाडिय़ों से कहा कि मेहनत का कोई पर्याय नहीं है। इसलिए शोर्ट कट नहीं अपनाएं। अच्छी किताबों व अच्छे दोस्तों को ही जीवन में महत्व दे। समारोह के विशिष्ट अतिथि इंटेलीजेंस के पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने खिलाडिय़ों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भाग – दौड़ की जिन्दगी में किसी न किसी प्रकार से खेलों से जुड़कर खेल को दैनिक दिनचर्या का अभिन्न अंग बनाएं।उन्होंने कहा कि शिविरार्थियों से कहा कि शिविर में दक्ष प्रशिक्षकों के द्वारा सिखाये जाने वाले खेल कौशलों को पूर्ण मनोयोग से सीखकर इसकी उपयोगिता को साबित करें।
युवा मामले एवं खेल विभाग के शासन सचिव नरेश कुमार ठकराल ने कहा कि खेल भावना का खेलों से सीधा नाता है। खिलाड़ी का अपना शत प्रतिशत देकर उसके परिणाम को लेकर निराश नहीं होना चाहिए। अनुशासन, खेल भावना व भाईचारा खेलों की बदौलत ही बना हुआ है। शिविर निदेशक ओम प्रकाश बारिया ने शिविर प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि केन्द्रीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर में दूर – दराज के 12 खेलों में 503 खेल प्रतिभाएं भाग ले रही है। खिलाडिय़ों के लिए निशुल्क आवास, भोजन व ट्रेनिंग की सुविधा राज्य क्रीड़ा परिषद की ओर से की गई है। अंत में मुख्य खेल अधिकारी वीरेन्द्र पूनिया ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान करते हुए आभार प्रकट किया। इस मौके पर राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद के सचिव राजू लाल, वित्तीय सलाहकार जिज्ञासा गौड़ आदि मौजूद थे।