उदयपुर के जयसमंद होटल को लीज पर देने से पहले न होटल की संपत्त्त्यि का सही तरीके से निर्धारण हुआ न ही विधिक राय उचित तरीके से ली गई। जैसा लिपिक स्तर से पत्रावली पर राय मिली उस पर अमल करते हुए होटल को महज 10 हजार रुपए महीने की लीज पर दे दिया। जिसका नतीजा यह हुआ कि लीज पर होटल लेने के बाद उसके हेरिटेज स्वरूप को खराब कर दिया गया और कई जगह से इसे क्षतिग्रस्त कर दिया गया। मामले में आरटीडीसी प्रशासन की किरकिरी भी हुई है।
राजस्थान पर्यटन निगम के अधिकारियों के अनुसार उदयपुर के जयसमंद होटल को लीज पर देने का कदम निगम के लिए किरकिरी भरा रहा। अब निगम अन्य 36 होटलों को भी लीज पर देने की तैयारी कर रहा है। लेकिन लीज पर कैसे दी जाएं इसके लिए एक टीम का होना जरूरी है। क्योंकि कमजोर शर्तों का फायदा लीज पर लेने वाला उठाएगा और फिर उदयपुर जैसे हालातों का निगम को सामना करना पडेगा।