हैरिटेज होटलों में अलवर के सिलीसेढ़, रणथंभौर में झूमर बावड़ी, पुष्कर में पुष्कर सरोवर और नाथद्वारा में गोकुल होटल का चयन किया है। इसके अलावा जयपुर में गणगौर, अजमेर की खादिम, अलवर की सरिस्का, भरतपुर के फोरेस्ट लॉज, उदयपुर में कजरी और अलवर की सरिस्का होटल को शामिल किया है। एक होटल की साज सज्जा पर एक से सवा करोड़ रुपए खर्च होंगे। कमरों को राजस्थान शैली की तर्ज पर सजाया जाएगा। साथ ही वर्षों पुराने एयर कंडीशन बदले जाएंगे और पुराने टीवी की जगह एलईडी टीवी लगेंगे।
मेहमान देहरी पर आकर लौट जाते हैं
पर्यटन निगम की होटलों की आय बढ़ाने के लिए शीर्ष स्तर पर कई बार बैठकें हुई। इनमें एक ही बात बार बार सामने आई कि मेहमान इन होटलों की देहरी पर आते जरूर हैं लेकिन होटलों की दशा देखकर लौट जाते हैं। उतने ही किराए में निजी तीन सितारा होटल में लग्जरी कमरा बुक करवा लेते हैं। ऐसे हालात में निगम के होटलों में मेहमान सिर्फ सरकार के अधिकारी ही रह गए हैं।
आरटीडीसी के अफसरों का कहना है कि निजी होटलों को टक्कर देने के लिए होटलों की दशा सुधारनी ही हेागी। क्योंकि आरटीडीसी के होटलों की वर्तमान दशा किसी से भी छुपी हुई नहीं है।