इस तरह की आ रही समस्याए अभिभावकों को स्कूलों में यह कहकर लौटाया जा रहा है कि बच्चे का नंबर लॉटरी में बच्चों की तय संख्या से नीचे है। इसलिए उनका प्रवेश नहीं होगा। 50-100 रुपए के स्टाम्प पेपर पर अभिभावको को आय प्रमाण पत्र देने का दबाव।
रिपोर्टिंग में दस्तावेज की फॉटोकॉपी जमा करने के बाद नहीं दी जा रही रसीद।
रिपोर्टिंग में दस्तावेज की फॉटोकॉपी जमा करने के बाद नहीं दी जा रही रसीद।
कर सकते हैं शिकायत अगर कोई स्कूल आपके बच्चे का फार्म जमा करने से मना करे या स्टाम्प पर विशेष आय प्रमाण पत्र जमा कराने का दबाव डाले तो जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में शिकायत कर सकते हैं।
जगतपुरा स्थित एक निजी स्कूल में आलोक कुमार बेटे के आरटीई के तहत दस्तावेज जमा कराने गए। बड़ी मुश्किल के बाद स्कूल ने दस्तावेज लिए। स्कूल प्रशासन ने अपनी कॉपी तो रख ली। मगर अभिभावक को सील लगाकर कॉपी नहीं दी। उन्होंने बताया कि अगर स्कूल में प्रवेश हुआ तो भी उनके पास कोई दस्तावेज नहीं है।
जेएलएन मार्ग स्थित एक निजी स्कूल में सुभाष गुप्ता अपने बेटे को आरटीई के तहत प्रवेश दिलाने के लिए रिपोर्टिंग करने गए। उन्होंने बताया कि उनके बेटे की वरीयता स्कूल में ६३ थी। इसलिए स्कूल ने दस्तावेज जमा करने से मना कर दिया। स्कूल का तर्क था कि उनका नंबर नहीं आएगा। इसलिए फार्म नहीं लेंगे।
दस्तावेज जमा करने से नहीं कर सकते मना आरटीई के तहत निजी स्कूल किसी भी बच्चे को रिपोर्टिंग करने (दस्तावेज जमा कराने) से नहीं रोक सकते। चाहे बच्चे का लॉटरी में नाम किसी भी स्थान पर आया हो। साथ ही फार्म जमा कराने के बाद अभिभावकों को जमा रसीद स्कूल की सील लगाकर देनी होगी। रेवेन्यू विभाग की ओर जारी एक फॉर्म को नोटेरी से सत्यापित करवाकर देना होगा।
जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक रतन सिंह,ने बताया जो शिकायतें मिल रही हैं, उन पर कार्रवाई कर रहे हैं। अगर स्कूल मनमानी करे तो अभिभावक शिकायत कर सकते हैं। जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।