ऐसे में सर्वर बंद होने की सूचना जिम्मेदार अधिकारियों को दी गई। लेकिन वे तीन घंटे बाद तक सर्वर ठीक कराने वालों को नहीं बुला पाए। इधर कर्मचारी भी सर्वर खुलने के इंतजार में बैठे रहे। लाइसेंस के लिए एक भी आवेदन नहीं लिया गया। दोपहर तक परेशान होकर कई लोग वापिस घरों को लौट गए। बता दें कि लर्निंग और रेन्यू के करीब 400 लाइसेंस रोज तैयार किए जाते हैं। ऐसे में सोमवार को इनकी संख्या आधी ही रह गई।
व्यवस्थाओं को कोसते रहे लोग इधर सोमवार को काम होने की उम्मीद से आए लोग निराश लौटे तो आरटीओ की व्यवस्थाओं को कोसते रहे। विद्याधर नगर, सांगानेर, आगरा रोड, वैशाली सहित कई दूर जगहों से लोग आरटीओ पहुंचे थे। लेकिन सर्वर ठप होने के कारण किसी का भी काम नहीं हो सका। विद्याधर नगर से आए मनोज अग्रवाल दो घंटे तक इंतजार करते रहे। लेकिन समय अभाव के कारण उन्हें लौटना पड़ा।
ये बोले लोग 10 बजे से आई हूं, इंतजार कर रही हूं लर्निंग लाइसेंस बनेगा। लेकिन बताया जा रहा है कि सर्वर नहीं आ रहा है। दुर्गापुरा शांतिनगर से आई हूं, वापिस जाना है।
चाहत, छात्रा गर्मी तेज है। ऐसे में आरटीओ में अव्यवस्था फैली हुई है। लोग दूर घरों से काम के लिए आ रहे हैं, ऐसे में उन्हें निराश लौटना पड़ रहा है। सर्वर संबंधी चीजें तैयार रखनी चाहिए।
रमेश चंद शर्मा,
सर्वर में तकनीकी खराबी आ गई थी। जिसे ठीक करा दिया गया है। अब लंच के बाद लाइसेंस का काम शुरू कर दिया गया। राजेन्द्र वर्मा, आरटीओ
सर्वर में तकनीकी खराबी आ गई थी। जिसे ठीक करा दिया गया है। अब लंच के बाद लाइसेंस का काम शुरू कर दिया गया। राजेन्द्र वर्मा, आरटीओ