ऑनलाइन की जा सकती है परीक्षा
आरटीयू के आठवें सेमेस्टर की परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की जा सकती है। एमएनआईटी जयपुर आठवें और एनआईटी उत्तराखंड सभी सेमेस्टर की परीक्षाएं ऑनलाइन करवा रहा है। इसी तर्ज पर आरटीयू के विद्यार्थियों की परीक्षाएं भी ओपन बुक ऑनलाइन एग्जाम के तहत करवाई जा सकती हैं।
आरटीयू के आठवें सेमेस्टर की परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की जा सकती है। एमएनआईटी जयपुर आठवें और एनआईटी उत्तराखंड सभी सेमेस्टर की परीक्षाएं ऑनलाइन करवा रहा है। इसी तर्ज पर आरटीयू के विद्यार्थियों की परीक्षाएं भी ओपन बुक ऑनलाइन एग्जाम के तहत करवाई जा सकती हैं।
जेईई-12वीं का 50—50 प्रतिशत का हो आधार मंत्री ने बताया कि प्रदेश के तकनीकी कॉलेजों में आधे से ज्यादा सीटें खाली रहती हैं। इन सीटों पर एडमिशन और यहां के विद्यार्थियों को दूसरे राज्यों में जाने से रोकने के लिए अब जेईई मेन परीक्षा और 12वीं की मैरिट के आधार पर 50:50 प्रतिशत वेटेज तय करने पर चर्चा की जा रही है। अभी तक जेईई मेन के स्कोर को पहली और १२वीं के स्कोर को दूसरी प्राथमिकता दी जाती है। हालांकि ज्यादातर विद्यार्थी जेईई मेन के स्कोर के आधार पर अच्छा कॉलेज चयन कर लेते हैं। इस पर विचार किया जा रहा है कि यदि १२वीं के अंक जेईई मेन से बेहतर हैं, तो उसे अच्छा कॉलेज दिया जाए। साथ ही 12वीं के अंकों के आधार पर कॉलेजों में पहले ही राउंड काउंसलिंग से सीधे प्रवेश दे दिया जाए।
इस अवसर पर डॉ. गर्ग ने कहा कि स्थाई रूप से पॉलिटेक्निक एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में ऑनलाइन सिस्टम विकसित किया जाएगा, जिसके माध्यम से प्रदेश के रिमोट क्षेत्रों में रह रहे विधार्थियों की ऑनलाइन स्मार्ट कक्षाएं सम्पन्न हो सके। उन्होंने कहा की कोविड 19 की वर्तमान स्थिति में तकनीकी शिक्षण संस्थानों के विधार्थियों का प्लेसमेंट बढ़ाए जाने पर जोर दिया जाएगा।
कॉन्फ्रेंस में आरटीयू वीसी प्रो. आर.ए. गुप्ता, निजी विवि के प्रो. संदीप संचेती, आईआईएससी बेंगलुरु प्रो. एन शिव प्रकाश, एनआईटी कालीकट के प्रो. अश्वनी चतुर्वेदी, एनआईटी कुरुक्षेत्र के प्रो.सतीश, एन.आई.टी.कुरुक्षेत्र तथा एम.एन.आई.टी के पूर्व निदेशक प्रो. दहीया ने भी सुझाव दिए। बैठक के दौरान संबंधित अभियांत्रिकी महाविद्यालय के प्राचार्य एवं सदस्य सचिव द्वारा टेक्यूप-३ से संबंधित एजेंडा पर भी चर्चा की गई। बैठक में शासन सचिव तकनीकी शिक्षा विभाग शुचि शर्मा, अभियांत्रिकी महाविद्यालय, बीकानेर, अजमेर, बांसवाडा, भरतपुर, झालावाड, महिला अजमेर एवं भीलवाड़ा के बोर्ड ऑफ गर्वनर्स के सदस्यों ने हिस्सा लिया।