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केन्द्र सरकार के एक नियम ने बढ़ा दिए राज्य में अवैध हथियार

locationजयपुरPublished: Aug 01, 2019 01:53:37 am

Submitted by:

vinod

राज्य (state) में लोगों के पास बड़ी संख्या में लाइसेंसशुदा हथियार (Weapon license) हैं। केन्द्र सरकार (Central government) के नए नियम के तहत इन लाइसेंस धारकों (License holders) को यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर (Unique identification number) लेना था, नहीं तो हथियार अवैध (Weapon invalid) माना जाएगा। राज्य में हजारों की संख्या में लोगों ने हथियारों का यूनिक नंबर नहीं लिया और उनके हथियार अवैध हो गए।

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-बिना यूनिक नंबर वाले हथियार माने जाएंगे अवैध
-31 मार्च तक लेने थे यूनिक आईडेंटीफिकेशन नंबर
-राज्य में हजारों लोगों ने नहीं लिए हथियारों का यूनिक नंबर

जयपुर। राज्य में हजारों की तादाद में हथियार लाइसेंस (weapon n license) अवैध होने की स्थिति में आ गए हैं। दरअसल राज्य के सभी लाइसेंस धारकों (License holders) को 31 मार्च, 2019 तक गृह मंत्रालय (home Ministry) से यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर (Unique identification number) लेने थे, लेकिन हजारों की तादाद में लाइसेंस धारकों ने यूआईएन नहीं लिया। राज्य में पंजीकृत हथियार लाइसेंसों में उदयपुर में सबसे ज्यादा ढाई हजार से अधिक हथियार लाइसेंस बिना यूआईएन नंबर के रह गए हैं। अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अमान्य हुए ऐसे सभी अवैध हथियार लाइसेंसधारकों (Illegal weapon licensees) की जानकारी मांगी है।
कलेक्टर-एसडीएम को अधिकार
प्रदेश में जिला कलेक्टरों को हथियार लाइसेंस रजिस्ट्रेशन के अधिकार हैं। वहीं, एसडीएम को एमएल गन यानी टोपीदार बंदूक के लाइसेंस जारी करने के अधिकार सौंपे हुए हैं। हथियार लेने के बाद कोई भी व्यक्ति कहीं भी लाइसेंस का नवीनीकरण करवा लेता है।
2012 में शुरू हुआ पोर्टल
कोई भी व्यक्ति किसी भी जिले से लाइसेंस ले सकता है। ऐसे में प्रदेश में कुल लाइसेंसी हथियार व नवीनीकृत लाइसेंस की एक साथ जानकारी नहीं मिल पाती थी। हथियार लाइसेंस में एकरूपता लाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 24 जुलाई, 2012 को नेशनल डेटाबेस ऑफ आम्र्स लाइसेंस पोर्टल यानी नडाल शुरू किया।
फर्जी हथियारों पर रोक का प्रयास
नडाल पोर्टल पर सभी शस्त्र लाइसेंस धारियों की सभी प्रकार की सूचना अपलोड करनी थी। उसके बाद लाइसेंसधारी को एक यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर जारी किया जाता है। इस यूआईएन नंबर के जरिए देशभर में हथियार लाइसेंसधारी की पूरी जानकारी मिल सकती है। इस कवायद से फर्जी हथियार लाइसेंसधारियों पर रोक लगाना भी एक उद्देश्य था।
2016 से पहले हथियारों की समस्या
2016 में गृह मंत्रालय के एक नया सॉफ्टवेयर लागू करने के बाद से नए लाइसेंस ही ऑनलाइन जारी होते हैं। इसमें लाइसेंस के साथ ही यूआई नंबर भी मिल जाता है और नवीनीकरण भी ऑनलाइन ही होता है, लेकिन 2016 से पहले जारी हथियार लाइसेंस की सूचना एनडीएएल पोर्टल पर अपलोड करना जरूरी थी, जिसकी अंतिम तारीख 31 मार्च, 2019 थी और इसके बाद बिना यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर वाले हथियार अवैध माने जाने थे।
एसडीएम स्तर पर नहीं हुआ काम पूरा
सूत्रों के अनुसार कलेक्टर के स्तर पर एनडीएएल पर अपलोड करने का काम लगभग पूरा हो गया लेकिन एसडीएम के स्तर पर अधूरा है। इसका कारण हथियार लाइसेंस के नवीनीकरण की फीस बढ़ाया जाना बताया जा रहा है।
अब नहीं बढ़ेगी तारीख
गृह मंत्रालय पोर्टल पर हथियार लाइसेंस का डेटा अपलोड करने के लिए कई बार तारीख बढ़ा चुका है। इसके बावजूद हजारों लाइसेंसधारकों ने यूनिक नंबर नहीं लिया है। अब गृह विभाग ने 31 मार्च को तारीख बढ़ाने से इनकार कर दिया। ऐसे में कमोबेश सभी जिलों में रजिस्टर्ड हथियार लाइसेंस की तुलना में यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर लेने वाले बहुत कम हैं।
लाइसेंस नवीनीकरण फीस में हुई है बढ़ोत्तरी
– पहले 5 रुपए प्रतिवर्ष के हिसाब से तीन साल के लगते थे 15 रुपए
– नवीनीकरण के समय 100 रुपए लगते थे
– अब 500 रुपए साल के हिसाब से तीन साल के 1500 रुपए
– लेट फीस के रूप में 1000 रुपए
– एक महीने बाद लेट फीस 2000 रुपए

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