जयपुर

सुन्नी वक्फ बोर्ड के केस वापस लेने की चलती रही चर्चा

चर्चा तेज होने के बाद मुस्लिम पक्षकारों ने इसकी किसी भी प्रकार की जानकारी होने से इनकार कर दिया और इसे अफवाह करार दिया।

जयपुरOct 17, 2019 / 01:29 am

Vijayendra

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद महंत रामदास और अयोध्या वार्ता कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सुहेब काशमी कुछ इस अंदाज में दिखे।

जयपुर. दशकों से चले आ रहे अयोध्या विवाद में बुधवार को अचानक यह चर्चा शुरू हो गई कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने केस वापस लेने का फैसला कर लिया है और सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया गया है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई।
सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मध्यस्थता पैनल के माध्यम से इस केस को वापस लेने का हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है। जानकारी के मुताबिक सुन्नी वक्फ बोर्ड ने हलफनामा दाखिल करने से पहले अपने वकीलों से सलाह-मशविरा तक नहीं किया और मध्यस्थता पैनल के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में यह कार्रवाई की है। इस हलफनामे में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद से जुड़ा अपना केस वापस लेना चाहता है। यह हलफनामा श्रीराम पंचू की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया गया है। हालांकि खबर की चर्चा तेज होने के बाद मुस्लिम पक्षकारों ने इसकी किसी भी प्रकार की जानकारी होने से इनकार कर दिया और इसे अफवाह करार दिया। मामले के मुस्लिम पक्षकार हाजी महबूब ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर अपना दावा छोडऩे संबंधी किसी तरह के नए हलफनामा देने से इंकार किया है। उनका कहना है कि कोर्ट में सुनवाई का बुधवार को आखिरी दिन है। बोर्ड की ओर से कोई हलफनामा पेश नहीं किया गया है। ये पूरी तरह अफवाह है।

वक्फ बोर्ड के वकीलों को जानकारी नहीं
उ त्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने बताया कि केस वापस लेने के बोर्ड के फैसले की जानकरी फिलहाल उन्हें नहीं है। उन्होंने बताया कि उन्हें वक्फ बोर्ड ने केस वापस लेने की कोई सूचना नहीं दी है। आपको बता दें कि अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में आठ मुस्लिम पक्षकारों ने केस दायर किए हैं। जिसमें से मुय पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से दो केस दायर किए गए हैं।

सुनवाई पूरी होने के बाद अब सभी को सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद पर सुनवाई पूरी होने के बाद लोगों ने प्रतिक्रिया देते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समान करने की बात कही है और भरोसा जताया है। वहीं कुछ लोगों ने फैसले के बाद देश में अमन चैन बने रहने की दुआ की है।

अमन चैन न बिगड़े
सुनवाई पूरी हो चुकी है। अब यही इच्छा है कि फैसले को लेकर अमर चैन न बिगड़े इसकी जिमेदारी सरकार पर होगी। अयोध्या में कभी भी दोनों कौमों में विवाद नहीं हुआ आगे भी नहीं होगा।
इकबाल अंसारी, पक्षकार, बाबरी मस्जिद

मंदिर बनना तय
फैसले से पहले बोर्ड राम मंदिर के पक्ष में अपना शपथपत्र देगा। अब राम मंदिर बनना तय है। बस सभी से अपील है कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करें और उसका पूरा समान करें
वसीम रिजवी, चैयरमैन, शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड


सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा
दोनों पक्षों ने अपना पक्ष रख दिया है। हमें सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है। क्या फैसला आएगा ये आने वाला वक्त ही बताएगा। मौलाना खालिद राशिद

ऐतिहासिक काम किया सीजेआइ ने
कोर्ट के फैसले पर पूरा भरोसा है। बाबर ने जो गलतियां की उसका मुस्लिम समाज प्रायश्चित करे। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश ने बहुत ऐतिहासिक काम किया है।
विनय कटियार, भाजपा नेता


गलती सुधारने का वक्त करीब
अकबर ने अयोध्या में ऐतिहासिक भूल की थी, जिसे सुधारने का वक्त करीब है। जैसे कश्मीर में अनुच्छेद- 370 लगाने की नेहरू की गलती को ठीक किया गया,उसी तरह बाबर की भूल ठीक होगी।
सिद्धार्थनाथ सिंह, मंत्री, यूपी सरकार

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