रुस ने विदेशी एथलीटों और कोचों के आने पर बैन हटाया
जयपुरPublished: May 18, 2020 04:27:48 pm
रुस ने विदेशी एथलीटों और कोङ्क्षचग स्टाफ के यहां आने पर प्रतिबंध हटा लिया है। सरकार ने रविवार को इसकी जानकारी दी। रुसी सरकार ने गत 16 मार्च को कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए विदेशी नागरिकों के देश में आने पर अस्थाई रूप से प्रतिबंध लगाया था।
रुस ने विदेशी एथलीटों और कोचों के आने पर बैन हटाया
मॉस्को। रुस ने विदेशी एथलीटों और कोङ्क्षचग स्टाफ के यहां आने पर प्रतिबंध हटा लिया है। सरकार ने रविवार को इसकी जानकारी दी। रुसी सरकार ने गत 16 मार्च को कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए विदेशी नागरिकों के देश में आने पर अस्थाई रूप से प्रतिबंध लगाया था। यह आदेश 18 मार्च से प्रभावी हुआ था। सरकार ने बयान जारी कर कहा, विदेशी एथलीट और कोङ्क्षचग स्टाफ जल्द ही रुस वापस आ सकेंगे। रुस में आने पर लगे प्रतिबंधों में सरकार ने जरुरी बदलाव किए हैं। हालांकि उन लोगों को ही इजाजत दी जाएगी जिनका रुस एथलेटिक संस्था के साथ श्रम अनुबंध है। प्रशासन ने बताया कि एथलीटों को यहां आने पर 14 दिनों तक क्वारेंटीन में रहना होगा। सरकार ने कहा, इस फैसले से रुस प्रीमियर लीगा में शामिल फुटबॉल क्लब सहित प्रोफेशनल एथलेटिक संस्था को फायदा होगा और वे अपनी ट्रेनिगं शुरु कर सकेंगे।
ओलंपिक के लिए डोङ्क्षपग टेस्ट जारी रखेगा केन्या
नैरोबी। कोरोना वायरस के खतरे के बीच केन्या ने टोक्यो ओलंपिक के लिए अपनी टीम के डोङ्क्षपग टेस्ट जारी रखेगा और इसके लिए उसने एक लाख 70 हजार डॉलर की राशि तय की है। केन्या की डोङ्क्षपग रोधी एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जाफ्टर रुगुत ने कहा कि यह मुश्किल समय से निकलने का एक तरीका है। अब तक कई एथलीट के टेस्ट पॉजिटिव आए हैं और 60 से ज्यादा एथलीटों पर प्रतिबंध लगाया गया है। रुगुत ने कहा, हमने देश में डोङ्क्षपग से लडऩे के लिए बजट तय किया है और हम इस जंग में जीतेंगे। हमारे पास ओलंपिक के लिए 170000 डॉलर का बजट है जबकि पिछले साल की दोहा विश्व एथलेटिक्स के लिए 26 लाख डॉलर का बजट था। एडीएके ने अपने गठन के बाद से ४ वर्षों में 4116 टेस्ट किए है जिसमें से 3552 यूरीन सैंपल है जबकि 545 रक्त सैंपल है। अब तक 120 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं जिसके कारण कई एथलीटों पर प्रतिबंध लगा है। विश्व एथलेटिक्स के अध्यक्ष सेबेस्टियन को ने पिछले सप्ताह कहा था कि कोरोना के कारण दुनियाभर में आने-जाने पर प्रतिबंध के कारण डोङ्क्षपग से लडऩे में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।