रूटा के चुनाव पर वर्ष 2004 में रोक लग गई थी। उस समय छात्रसंघ के साथ ही सभी कर्मचारी संगठनों के चुनावों पर भी रोक लग गई थी। वर्ष 2010 में छात्रसंघ चुनाव लिंगदोह समिति की सिफारिशों पर शुरू हो गए और उसके बाद कर्मचारी संगठनों के चुनाव भी शुरू हो गए। लेकिन राजस्थान यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन यानी रूटा के चुनाव का मामला कोर्ट में अटका रहा। ऐसे में कुछ महीने पहले चुनाव से रोक हटने के बाद अब चुनाव होने जा रहे है। रूटा कार्यकारिणी के लिए आरयू में कार्यरत सभी प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर्स वोट दे सकेंगे, लेकिन उनके नाम अंतिम मतदाता सूची में शामिल होना जरूरी है। उधर, शिक्षकों में अब चुनाव को लेकर प्रचार—प्रसार तेज हो चुका है। प्रत्याशियों के साथ ही उनके समर्थकों ने भी चुनाव प्रचार करना शुरू कर दिया है।
अध्यक्ष: गजेंद्र पाल सिंह, जयंत सिंह, परेश व्यास और राहुल चौधरी
उपाध्यक्ष: अभिषेक चायल, अनूप सिंह मीणा, बिंदु जैन, पल्लवी कौशिक
महासचिव: जितेंद्र कुमार, मनीष सिनसिनवार, संजय कुमार, शंकर लाल मीणा और सतपाल सिंह
संयुक्त सचिव: अनिता मीना, अनुभव शाह, लक्ष्मी परेवा, लोकेश्वरी, मुकेश कुमार, प्रीति शर्मा, राहुल राजोरिया और राजेंद्र प्रसाद।