पायलट ने कहा कि भाजपा के राज में दलितों पर अत्याचार की पराकाष्ठा हो गई है और उनके लिए जारी योजनाएं भी सरकार ने कमजोर कर दी। उन्होंने कहा कि उक्त समाज के छात्रों के कल्याण के लिए जारी छात्रवृत्ति व अन्य योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिल रहा है और इस समाज पर हो रहे अपराधों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के राज में दलितों का उत्पीडऩ चरम पर है और दलितों पर हो रहे शोषण को रोकने में सरकारी उदासीनता के कारण इस वर्ग में नाराजगी बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि गत् दिनों उच्चतम न्यायालय ने अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार निवारण कानून में कुछ परिवर्तन किए है जिसमें सरकार की ओर से उचित पक्ष नहीं रखा गया है जिससे इस कानून के कमजोर होने की प्रबल सम्भावना है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर भाजपा के अनुसूचित जाति व जनजाति के सांसदों ने प्रधानमंत्री के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज करवाई है और इसी क्रम में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर उचित हस्तक्षेप की माँग रखी है।
पायलट ने कहा कि उक्त मुद्दे को लेकर अनुसूचित जाति व जनजाति से जुड़े संगठनों ने कल सोमवार को भारत बंद का ऐलान किया है जिसे लेकर सरकार को संवदेनशीलता दिखाते हुए उनके हितों की रक्षा के लिए उचित कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गत् चार वर्षों में भाजपा सरकार की दलित विरोधी सोच सामने आई है जिसमें कमजोर तबकों के प्रति सरकार की संवेदनहीनता के कारण अनदेखी बढ़ी है जिससे इस समाज में सरकार की नीयत को लेकर गहरा आक्रोश व्याप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को न्यायालय में उचित हस्तक्षेप कर अनुसूचित जाति व जनजाति निवारण अधिनियम में किए गए परिवर्तनों के संदर्भ में तथ्यात्मकता के साथ पक्ष रखना चाहिए।