उन्होंने कहा कि सरकार ने कोर्ट में एसएलपी दायर करने की बात कही है। बात करने से ही समस्या का समाधान होगा। सचिन ने कहा सरकार ने संवाद के लिए अपील कर रखी थी, राजस्थान का नौजवान हिंसा में विश्वास नहीं करता है।
केंद्र ने जबरदस्ती पारित किया कृषि विधेयक
पायलट ने कहा कि कृषि अध्यादेश को लेकर पूरे देश में विरोध हो रहा है, भाजपा ने इस बिल के जरिए किसानों पर घातक प्रहार किया है। केंद्र सरकार ने जबरदस्ती इस बिल को सदन में पारित कराया है, जबकि उनके पास बहुमत नहीं था।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने इस बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की थी लेकिन कोरोना के बीच जानबूझकर केंद्र सरकार ने इस बिल को पारित करवाया। सचिन पायलट ने कहा राजस्थान का छोटा किसान कैसे मुंबई कोलकाता जाएगा कैसे वह मल्टीनेशनल कंपनी से समझौता कर पाएगा। इस विधेयक का विरोध पूरे देश में हो रहा है।
उन्होंने कहा कि जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है। सवाल है कि इस कानून की मांग किसने करी थी जब सरकार अपने घटक दल अकाली दल को ही नहीं समझा पाई तो किसानों को क्या समझा पाएंगे।
केंद्र सरकार ने किसानों के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने किसान ही नहीं बल्कि मजदूर आढ़ती, ट्रांसपोर्टर्स को इसके बाद भारी नुकसान होगा लेकिन कांग्रेस आखिरी दम तक इसके विरोध में लड़ाई लड़ेगी। सचिन पायलट ने कहा कि जब कांग्रेस इन बिलों का विरोध कर रही है तो इस बिल को राजस्थान में कैसे लागू किया जा सकता है। कृषि स्टेट का विषय है लेकिन किसी भी से भी इस बारे में कोई चर्चा नहीं की गई।
मैं सोनिया, राहुल के संपर्क में
पायलट ने कहा कि मैंने जो मुद्दे उठाए थे उन पर बात चल रही है प्रदेश प्रभारी अजय माकन से भी मेरी चर्चा हुई है। मैं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के संपर्क मैं हूं। निश्चित तौर पर मेरे उठाए हुए मुद्दों का समाधान जल्द ही होगा।