कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष के रूप में सचिन पायलट को 21 जनवरी 2014 को जिम्मेदारी दी गई थी। उससे एक माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 21 सीट पर सिमट गई थी। तब से लेकर पायलट अभी डिप्टी सीएम के साथ प्रदेशाध्यक्ष का पद संभाल रहे है। पायलट के नेतृत्व में वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सफलता मिली थी और कांग्रेस की राजस्थान में सरकार बनी थी।
राजस्थान के तीसरी बार सीएम बने अशोक गहलोत को 3 बार प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष रहने का मौका मिला है। पहली बार गहलोत 34 वर्ष में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने थे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में उनका पहला कार्यकाल सितम्बर, 1985 से जून, 1989 की अवधि के बीच में रहा। 1 दिसम्बर, 1994 से जून, 1997 तक दूसरी बार और जून, 1997 से 14 अप्रैल 1999 तक वे तीसरी बार प्रदेशाध्यक्ष बने।
आजादी के बाद से लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता परसराम मदेरणा ने सबसे अधिक साढे पांच साल से ज्यादा तक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाली थी। इस दौरान राजस्थान में भाजपा के नेता के रूप में भैंरो सिंह शेखावत हुआ करते थे। उनके बाद अशोक गहलोत ने प्रदेश में तीसरी बार पार्टी की कमान संभाली थी। कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद वे पहली बार 1998 में सीएम बने। गहलोत के बाद अब तक कांग्रेस ने छह प्रदेश अध्यक्ष बदल दिए हैं। इस दौरान गिरिजा व्यास, नारायण सिंह, बीडी कल्ला और फिर सीपी जोशी को कमान दी गई थी। सीपी जोशी के नेतृत्व में कांग्रेस 2018 में सत्ता में आई थी। हालांकि तब जोशी अपनी ही सीट से एक वोट से चुनाव हार गए थे। जोशी के बाद डॉ चन्द्रभान को 2011 में अध्यक्ष बनाया गया था और उसके बाद से पायलट ने कमान संभाली हुई है।