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महामारी-बेरोजगारी में संभाल रही मनरेगा

locationजयपुरPublished: May 20, 2020 07:44:01 pm

Submitted by:

Ashwani Kumar

-एक महीने में 35 लाख मजदूर हो गए नियोजित-दस साल का टूट गया रिकॉर्ड-अब राज्य में आने वाले प्रवासी श्रमिकों को भी मिलेगा काम

महामारी-बेरोजगारी में संभाल रही मनरेगा

महामारी-बेरोजगारी में संभाल रही मनरेगा

जयपुर. कोरोना महामारी के चलते दो महीने लॉकडाउन को होने को है। बेरोजगारी चरम पर है। ऐसे में मनरेगा ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार को संभालना शुरू कर दिया है। राजस्थान में रोज एक लाख से अधिक नए लोग मनरेगा के तहत राजस्थान में जुड़ रहे हैं। यही वजह है कि पिछले 34 दिनों में राज्य में 35 लाख श्रमिक मनरेगा के तहत काम कर रहे हैं। मनरेगा में श्रम नियोजन का दस साल पुराना रिकॉर्ड टूट चुका है।
लॉकडाउन से जब हालात बिगडऩे लगे तो उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मनरेगा पर पूरा जोर लगा दिया। गांवों का दौरा किया और मनरेगा के कार्य स्थलों का निरीक्षण किया। इसके सकारात्मक परिणाम कुछ ही दिन में सामने आने लग गए। 17 अप्रेल को जहां सिर्फ 62 हजार श्रमिकों से मनरेगा कार्य शुरू किए गए। उनमें महज पांच दिन में 6 लाख श्रमिक और जुड़ गए। महामारी और बेकारी के इस दौर में राजस्थान की इस पहल को अन्य राज्यों ने अपनाना शुरू किया। यही वजह है कि गांवों की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए केंद्र सरकार ने भी 40 हजार करोड़ रुपए का अलग से प्रावधान भी किया है।
गर्मी में समय बदला
गर्मी को देखते हुए सुबह छह बजे से दोपहर एक बजे तक मनरेगा के तहत मजदूरों से काम करवाया जा रहा है। मनरेगा के तहत श्रमिकों को काम उपलब्ध करवाने के मामले में राजस्थान पहले स्थान पर है। इसके बाद उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ की बारी आती है। पंचायती राज विभाग ने प्रवासी श्रमिकों को भी मनरेगा के तहत काम देने की बात कही है। इन श्रमिकों के जॉब कार्ड बनेंगे और जरूरत होने पर ट्रेनिंग की भी व्यवस्था विभाग करेगा।

ऐसे बढ़ी श्रमिकों की संख्या
17 अप्रैल 0.62 लाख
22 अप्रेल 6.08 लाख
30 अप्रेल 11.00 लाख
10 मई 22.00 लाख
20 मई 35.00 लाख


श्रमिक नियोजन में 10 साल का रिकॉर्ड टूटा
इधर, सचिवालय में उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत श्रमिक नियोजन 35.59 लाख हो गया है। ये पिछले दस वर्षों में सर्वाधिक श्रमिक नियोजन है। वर्तमान में ‘एक ग्राम-चार काम’ अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत प्रदेश में अब तक 36,679 कार्य स्वीकृत हो चुके हैं। इसमें चारागाहों का विकास, मॉडल जलाशय, खेल मैदान से लेकर मोक्षधाम और कब्रिस्तान के विकास शामिल हैं। इन कार्यों पर करीब 1372 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं।
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