गर्मी को देखते हुए सुबह छह बजे से दोपहर एक बजे तक मनरेगा के तहत मजदूरों से काम करवाया जा रहा है। मनरेगा के तहत श्रमिकों को काम उपलब्ध करवाने के मामले में राजस्थान पहले स्थान पर है। इसके बाद उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ की बारी आती है। पंचायती राज विभाग ने प्रवासी श्रमिकों को भी मनरेगा के तहत काम देने की बात कही है। इन श्रमिकों के जॉब कार्ड बनेंगे और जरूरत होने पर ट्रेनिंग की भी व्यवस्था विभाग करेगा।
ऐसे बढ़ी श्रमिकों की संख्या
17 अप्रैल 0.62 लाख
22 अप्रेल 6.08 लाख
30 अप्रेल 11.00 लाख
10 मई 22.00 लाख
20 मई 35.00 लाख
श्रमिक नियोजन में 10 साल का रिकॉर्ड टूटा
इधर, सचिवालय में उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत श्रमिक नियोजन 35.59 लाख हो गया है। ये पिछले दस वर्षों में सर्वाधिक श्रमिक नियोजन है। वर्तमान में ‘एक ग्राम-चार काम’ अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत प्रदेश में अब तक 36,679 कार्य स्वीकृत हो चुके हैं। इसमें चारागाहों का विकास, मॉडल जलाशय, खेल मैदान से लेकर मोक्षधाम और कब्रिस्तान के विकास शामिल हैं। इन कार्यों पर करीब 1372 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं।