प्रदेश में चल रहे इस सियासी घटनाक्रम के लिए कांग्रेस भाजपा को जिम्मेदार ठहरा रही है। मगर स्थिति कुछ अलग ही दिख रही हैं राजस्थान भाजपा अभी तक इस मामले में बयानबाजी तक सीमित नजर आ रही है। या यह कहें कि भाजपा वेट एंड वॉच की स्थिति में है। मगर असलियत यह है कि भाजपा पूरे मामले को लेकर कन्फ्यूज दिख रही है।
विधायकों की कम संख्या बनी वजह सूत्रों की मानें तो इस कन्फ्यूजन की वजह विधायकों का आंकड़ा कम होना माना जा रहा है। भाजपा के पास महज 72 विधायक हैं और 3 रालोपा के विधायकों का उन्हें समर्थन प्राप्त है। यानि भाजपा के पास केवल 75 विधायक हैं, जबकि सरकार बनाने के लिए 101 विधायकों की जरूरत है।
वसुंधरा के पक्ष में आए नेता सियासी तूफान के बाद राजस्थान भाजपा भी धड़ों में बंटी नजर आ रही है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और रालोपा सांसद हनुमान बेनीवाल की राजे को लेकर की गई बयानबाजी के बाद राजे समर्थक नेताओं ने जुबानी हमला बोला। राजे के बंगले को लेकर विधायक प्रताप सिंह सिंघवी और कैलाश मेघवाल ने पायलट पर हमला बोला। वहीं पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा ने भी राजे के हरावल दस्ते को पार्टी से बाहर करने के आरोप लगाए हैं।