अफसरों को मेरे आदेश नहीं मानने के थे ऑर्डर सचिन पायलट का कहना है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद अशोक गहलोत ने राजस्थान के विकास के लिए काम नहीं करने दिया। अफसरों को भी मेरे आदेश नहीं मानने का ऑर्डर था। ऐसे पद का क्या फायदा जब जनता के किए वादे पूरे न कर सकें। मेरे समर्थकों को विकास का मौका ही नहीं मिल रहा था।
मैं उपमुख्यमंत्री राहुल के कहने से बना
मैं उपमुख्यमंत्री राहुल के कहने से बना
सचिन ने कहा कि वह गहलोत से नाराज नहीं हैं। मैंने गहलोत से कोई खास ताकत भी नहीं मांगी थी। मैं चाहता था कि जनता से किए वादे पूरे किए जाएं। सीएम गहलोत ने सत्ता में आने के बाद कुछ नहीं किया। मैंने बिना किसी दिक्कत के अशोक गहलोत को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाने के राहुल गांधी के फैसले को माना। मैं उपमुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था, लेकिन फिर भी राहुल के कहने पर बना।
मैंने कई बार मुद्दा उठाया, नहीं हुई सुनवाई
सचिन ने कहा कि पार्टी के अंदर चर्चा का कोई मंच बचा ही नहीं था। मैंने कई बार मुद्दा उठाया है। मैंने प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और अन्य वरिष्ठ नेताओं को सूचित किया। मैंने गहलोत के सामने भी मुद्दा उठाया, लेकिन मंत्रियों और विधायकों के बीच शायद ही कोई बैठक हुआ करती थी।
सचिन ने कहा कि पार्टी के अंदर चर्चा का कोई मंच बचा ही नहीं था। मैंने कई बार मुद्दा उठाया है। मैंने प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और अन्य वरिष्ठ नेताओं को सूचित किया। मैंने गहलोत के सामने भी मुद्दा उठाया, लेकिन मंत्रियों और विधायकों के बीच शायद ही कोई बैठक हुआ करती थी।
सचिन ने साफ कहा कि भाजपा में जाने की या हाथ मिलाने की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। मैंने राजस्थान में कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए कड़ी मेहनत की है। मैं अपनी ही पार्टी के खिलाफ काम क्यों करूंगा? मैं अभी भी कांग्रेसी हूं। मैं अपने साथियों से चर्चा करूंगा कि आगे क्या करना है। मैं भाजपा में शामिल नहीं हो रहा हूं। मैं भाजपा के किसी नेता से नहीं मिला हूं। छह महीने से ज्योतिरादिय सिंधिया से नहीं मिला हूं।