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मैं अभी भी कांग्रेसी, अपनी ही पार्टी के खिलाफ क्यों जाऊंगा : सचिन पायलट

locationजयपुरPublished: Jul 15, 2020 11:34:07 am

Submitted by:

Ankita Sharma

पिछले छह माह से नहीं मिला सिंधिया से

sachin pilot

पिछले छह माह से नहीं मिला सिंधिया से : सचिन पायलट

– सीएम अशोक गहलोत से नहीं मांगी ज्यादा शक्तियां, लेकिन जनता के काम तक नहीं होने दिए – पार्टी के बड़े नेताओं को बताई परेशानी, नहीं हुई कोई सुनवाई

जयपुर। राजस्थान में मच रहे सियासी घमासान के बीच उपमुख्यमंत्री पद और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद पहली बार सचिन पायलट मीडिया के सामने आए। एक इंटरव्यू में सचिन ने साफ कहा कि वह भाजपा में नहीं जा रहे हैं। फिलहाल वे सिर्फ इतना ही कहेंगे कि वे लोगों के लिए काम करना जारी रखेंगे। इस दौरान सचिन ने साफ तौर पर बताया कि कैसे उन्हें शक्ति विहीन किया गया और अपनी बात कहने के लिए मंच तक नहीं दिया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सहयोग नहीं करने का आरोप भी लगाया है।
अफसरों को मेरे आदेश नहीं मानने के थे ऑर्डर

सचिन पायलट का कहना है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद अशोक गहलोत ने राजस्थान के विकास के लिए काम नहीं करने दिया। अफसरों को भी मेरे आदेश नहीं मानने का ऑर्डर था। ऐसे पद का क्या फायदा जब जनता के किए वादे पूरे न कर सकें। मेरे समर्थकों को विकास का मौका ही नहीं मिल रहा था।
मैं उपमुख्यमंत्री राहुल के कहने से बना
सचिन ने कहा कि वह गहलोत से नाराज नहीं हैं। मैंने गहलोत से कोई खास ताकत भी नहीं मांगी थी। मैं चाहता था कि जनता से किए वादे पूरे किए जाएं। सीएम गहलोत ने सत्ता में आने के बाद कुछ नहीं किया। मैंने बिना किसी दिक्कत के अशोक गहलोत को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाने के राहुल गांधी के फैसले को माना। मैं उपमुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था, लेकिन फिर भी राहुल के कहने पर बना।
मैंने कई बार मुद्दा उठाया, नहीं हुई सुनवाई
सचिन ने कहा कि पार्टी के अंदर चर्चा का कोई मंच बचा ही नहीं था। मैंने कई बार मुद्दा उठाया है। मैंने प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और अन्य वरिष्ठ नेताओं को सूचित किया। मैंने गहलोत के सामने भी मुद्दा उठाया, लेकिन मंत्रियों और विधायकों के बीच शायद ही कोई बैठक हुआ करती थी।

सचिन ने साफ कहा कि भाजपा में जाने की या हाथ मिलाने की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। मैंने राजस्थान में कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए कड़ी मेहनत की है। मैं अपनी ही पार्टी के खिलाफ काम क्यों करूंगा? मैं अभी भी कांग्रेसी हूं। मैं अपने साथियों से चर्चा करूंगा कि आगे क्या करना है। मैं भाजपा में शामिल नहीं हो रहा हूं। मैं भाजपा के किसी नेता से नहीं मिला हूं। छह महीने से ज्योतिरादिय सिंधिया से नहीं मिला हूं।
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