बैठक में जिलों पंचायतों के पुनर्गठन और सीमांकन को लेकर पंचायत राज विभाग को मिले आपत्तियों और सुझावों पर बैठक में मंथन किया गया। बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि जिन पंचायत समितियों की आबादी ज्यादा है, जनसंख्या के आधार पर उनका नवसृजन किया जाए फिर पुनर्सीमांकन किया जाए, जिससे उस पंचायत में रहने वाले लोगों को ज्यादा से ज्यादा सहुलियत मिल सके। पंचायतों के पुनर्गठन, पुनर्सीमांकन को लेकर कैबिनेट सब कमेटी की दूसरी बैठक शुक्रवार को होगी।
मापदंडों के आधार पर होगा पंचायतों का पुनर्गठन
वहीं बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए डिप्टी सीएम और कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि पंचायत राज विभाग के पास सभी जिलों से प्रस्ताव आए हैं और विभाग का उनका अध्ययन कर रहा है। जो मापदंड तय किए गए हैं, उन्ही माप दंडों के आधार पर नई पंचायतों का गठन किया जाएगा।
वहीं बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए डिप्टी सीएम और कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि पंचायत राज विभाग के पास सभी जिलों से प्रस्ताव आए हैं और विभाग का उनका अध्ययन कर रहा है। जो मापदंड तय किए गए हैं, उन्ही माप दंडों के आधार पर नई पंचायतों का गठन किया जाएगा।
सचिन पायलट ने कहा कि प्रशासनिक दृष्टि से जनता की भलाई के लिए किस प्रकार का नक्शा तैयार कर सकते हैं इसे लेकर भी बैठक में चर्चा की गई। पायलट ने कहा कि 2011 की जनगणना के आधार पर एक आईओ का भी गठन किया जा रहा है।
राज्य सरकार ने पहले से जो मापदंड तय किए हुए है हमारी कोशिश है कि हम उसके आधार पर ही काम करें। सचिन पायलट ने कहा कि पंचायतों के पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन के पीछे वजह ये है कि इससे जनता को रोजमर्रा के कामों में सहुलियत होगी अगर किसी पंचायत की जनसंख्या 10 हजार है अगर 10 की जगह 5 हजार जनसंख्या हो न तो प्रशासनिक अधिकारी को परेशानी आएगी और न ही जन प्रतिनिधियों को। छोटी पंचायतें होंगी तो लोगों के काम भी जल्दी होंगे।