सिंघवी ने कहा कि नोटिस पर स्टे का अंतरिम आदेश का मतलब पैरा 2-1-A की कार्यवाही पर स्टे होगा, जो नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि अभिव्यक्ति के विचार का मतलब कुछ भी करने की स्वतंत्रता नहीं है।
सिंघवी ने कहा कि संविधान ने विधान सभा संचालन का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष दिया है और यह नियम संविधान का हिस्सा है कि विधानसभा अध्यक्ष के पास विधायकों को अयोग्य घोषित करने उसके नियम बनाने के अधिकार हैं, जिसकी न्यायिक समीक्षा नहीं हो सकती है
हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी कर चुके हैं बहस —
इससे पहले सचिन पायलट कैंप की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी शुक्रवार को अपनी दलीले दे चुके हैं। सचिन पायलट कैंप की ओर से पीआर मीना ने न्यायालय में याचिका दायर की है।
इससे पहले सचिन पायलट कैंप की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी शुक्रवार को अपनी दलीले दे चुके हैं। सचिन पायलट कैंप की ओर से पीआर मीना ने न्यायालय में याचिका दायर की है।
इसमें विधायकों के अयोग्यता संबंधी नोटिस पर अंतरिम रोक लगाने और जिस शेड्यूल में नोटिस दिया गया है उसकी संवैधानिकता को चुनौती दी है। न्यायालय के फैसले के बाद ही विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी अपना फैसला लेंगे।