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जयपुर

कोर्ट की ओर से निर्देशित शब्दों का प्रयोग, स्पीकर के अधिकारों का हनन

प्रदेश में सियासी घमासान चरम पर है। आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बीच विधानसभाध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने हाईकोर्ट द्वारा उनके अधिकार क्षेत्र में किए जा रहे हस्तक्षेप से नाराज होकर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। उधर हाईकोर्ट द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को निर्देशित किए जाने को लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने बड़ा बयान दिया है। कटारिया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हाईकोर्ट की ओर से ‘निर्देशित’ का प्रयोग किया गया है, वह विधानसभा स्पीकर के अधिकारों का हनन है।

जयपुरJul 22, 2020 / 06:22 pm

Umesh Sharma

कोर्ट की ओर से निर्देशित शब्दों का प्रयोग, स्पीकर के अधिकारों का हनन

कोर्ट की ओर से निर्देशित शब्दों का प्रयोग, स्पीकर के अधिकारों का हनन

जयपुर।

प्रदेश में सियासी घमासान चरम पर है। आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बीच विधानसभाध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने हाईकोर्ट द्वारा उनके अधिकार क्षेत्र में किए जा रहे हस्तक्षेप से नाराज होकर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। उधर हाईकोर्ट द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को निर्देशित किए जाने को लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने बड़ा बयान दिया है। कटारिया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हाईकोर्ट की ओर से ‘निर्देशित’ का प्रयोग किया गया है, वह विधानसभा स्पीकर के अधिकारों का हनन है।
अपने आवास पर भाजपा नेताओं की बैठक के बाद कटारिया ने कहा कि हम सभी 24 जुलाई के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। स्पीकर की एसएलपी पर सुनवाई होती है तो उसके निर्णय को देखकर ही हम आगे कोई निर्णय लेंगे। कटारिया ने कहा कि हाईकोर्ट ने पहले स्पीकर से आग्रह किया था कि वह याचिका के संबंध में कोई निर्णय ना दें, लेकिन हाल ही में जब कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा उस दौरान ‘निर्देशित’ शब्द का इस्तेमाल किया जो स्पीकर के अधिकार का हनन लगता है। हालांकि, कटारिया ने यह भी कहा कि अभी उन्होंने कोर्ट का इस संबंध में पूरा आदेश नहीं पढ़ा है। उसे पढ़ने के बाद ही वे आगे कुछ कह पाएंगे।
आपको बता दें स्पीकर द्वारा विधायकों को नोटिस जारी करने को लेकर हाईकोर्ट ने लंबित अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय नहीं लेने के लिए सीपी जोशी को निर्देशित किया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि जब तक हाईकोर्ट अपना फैसला नहीं सुना देता, तब तक वे कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। इसे लेकर जोशी ने एक प्रेस वार्ता भी की थी। जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक एसएलपी भी दायर की है।

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