वरिष्ठ विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मंत्रिमंडल और राजनीतिक नियुक्तियों में कई पदों के लिए सौदेबाजी की जो खबरें चल रही है वह बिल्कुल झूठी और गलत हैं। सचिन पायलट की तरफ कभी भी इस तरह की बातें नहीं की गई हैं। इस तरह की जो भी खबर चल रही हैं वह सब बेबुनियाद और झूठी हैं।
वरिष्ठ विधायक दीपेंद्र सिंह ने कहा कि सचिन पायलट तो प्रदेश के जमीनी स्तर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मान सम्मान के लिए आवाज उठा रहे हैं कि जिन कार्यकर्ताओं के दम पर कांग्रेस की सरकार बनी है उन कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियों में मान सम्मान मिलना चाहिए।
दीपेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जिन नेताओं और कार्यकर्ताओं ने 2014 के बाद से पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार और मोदी सरकार के कोप का डटकर मुकाबला किया, जिन्होंने प्रदेश में 2013 में अपनी अब तक की सबसे बुरी हार के बाद कांग्रेस को पुनर्जीवित करने के लिए अपना खून पसीना बहाया।
2013 के विधानसभा चुनाव में पार्टी 21 सीटों पर सिमट कर रह गई थी, तब कांग्रेस के कार्यकर्ताओं नेताओं ने अपना खून पसीना बहा कर पार्टी को सत्ता में लेकर आए। ऐसे में राजनीतिक नियुक्तियां उन लोगों को दी जानी चाहिए जिन्होंने मतदान केंद्रों पर कांग्रेस को जीत दिलाने का बीड़ा उठाया है।
नौकरशाहों की वफादारी अस्थायी
वरिष्ठ विधायक दीपक सिंह ने कहा कि सरकार में कांग्रेस पार्टी को सत्ता में लाने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियों का लाभ दिया जाना चाहिए था, लेकिन सरकार में तो मलाईदार पोस्टों पर रहे सेवानिवृत्त नौकरशाहों को राजनीतिक नियुक्तियां दी जा रही हैं, जबकि नौकरशाहों और अधिकारियों की वफादारी अस्थायी होती है।
वरिष्ठ विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि हमें कांग्रेस आलाकमान पर पूरा भरोसा है जो मुद्दे हमने उठाए हैं कांग्रेस आलाकमान के द्वारा उनका समाधान किया जाएगा।
गौरतलब है कि सचिन पायलट कैंप के सुझावों पर अमल करने के लिए कांग्रेस आलाकमान की ओर से गठित समिति की ओर से 10 माह बाद भी कोई सुनवाई नहीं करने से पायलट कंपनी कैंप के नेताओं में नाराजगी बढ़ती जा रही है, जिसके बाद से सचिन पायलट के विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान से जल्द से जल्द उनकी मांगों पर विचार करने की मांग की है।