अब बताया जा रहा है कि दोपहर 1 बजे सचिन पायलट दस जनपथ पर सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल भी मौजूद रहेंगे। इससे पूर्व पायलट ने बुधवार को जयपुर आने से पहले संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी मुलाकात की थी। बताया जा रहा है कि पायलट ने वेणुगोपाल के जरिए सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगा था जिसके बाद उनके मिलने का कार्यक्रम तय हुआ जिसके चलते सचिन पायलट को दौसा से अचानक दिल्ली जाना पड़ा।
मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों पर अब इंतजार के मूड में नहीं है पायलट
सूत्रों की माने तो मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर सचिन पायलट अब ज्यादा इंतजार के मूड में नहीं हैं। गुरुवार को अपने एक बयान में भी सचिन पायलट ने साफ कहा था कि जिन लोगों के दम पर सरकार बनी है उन लोगों को सरकार में सुधारी मिलनी चाहिए। विधानसभा चुनाव में अब केवल 2 साल का समय बचा है, ऐसे में कार्यकर्ताओं और नेताओं की अनदेखी नहीं की जा सकती है। माना जा रहा है कि सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान सचिन पायलट प्रदेश में जल्द से जल्द मंत्रिमंडल विस्तार होने और राजनीतिक नियुक्तियां होने की मांग करेंगे।
अपने समर्थकों के लिए अलग से हिस्सेदारी की मांग
सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों में फ्री हैंड मिलने के बाद सचिन पायलट को भी इस बात की आशंका है कि उनके समर्थक विधायकों को मंत्रिमंडल में और समर्थक नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियों में तवज्जो नहीं मिल पाएगी। ऐसे में सचिन पायलट अपने लोगों के लिए अलग से हिस्सेदारी की मांग कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से करेंगे।
इस प्रमुख मुद्दे पर भी होगी बात
बताया जाता है कि सोनिया गांधी के साथ होने वाली बैठक में सचिन पायलट पूर्व में अपने कोटे से बने मंत्रियों को भी हटाकर नए विधायकों को मौका दिए जाने की मांग करेंगे। पूर्व में परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास प्रमोद जैन भाया जैसे चेहरे सचिन पायलट के कोटे से मंत्री बने थे। अब सचिन पायलट की मंशा है कि इन मंत्रियों को हटाया जाए और उनके स्थान पर उनके समर्थक विधायकों को मौका दिया जाए।
पायलट की भूमिका पर भी होगी चर्चा
जानकारों की माने तो सचिन पायलट की भूमिका को लेकर भी अब कांग्रेस अध्यक्ष के सामने चर्चा होगी कि सचिन पायलट सत्ता और संगठन में क्या भूमिका अदा करेंगे। क्या वे पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जाएंगे या फिर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कमान संभालेंगे या सरकार में ही पुनः डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी संभालेंगे।
पायलट समर्थकों को तवज्जो देने के मूड में नहीं है गहलोत
बताया जाता है कि आगामी मंत्रिमंडल विस्तार और आज एक नियुक्तियों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सचिन पायलट समर्थकों को तवज्जो देने के मूड में नहीं है बल्कि वे सियासी संकट के दौरान सरकार बचाने वाले निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों को मंत्रिमंडल में मौका दिए जाने के पक्ष में है यही वजह है कि मंत्रिमंडल विस्तार में लगातार देरी की जा रही है कांग्रेस आलाकमान की ओर से फ्री हैंड मिलने के बावजूद मुख्यमंत्री गहलोत 17 दिसंबर के बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार के पक्ष में बताए जाते हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को जहां दिल्ली में राजनीतिक नियुक्तियों और मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और प्रदेश प्रभारी अजय माकन से चर्चा की थी तो वहीं गुरूवार को 10 जनपथ पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों का रोडमैप साझा किया था, इस दौरान गहलोत राजनीतिक नियुक्तियों और मंत्रिमंडल विस्तार का फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ा था।