scriptभारत-चीन युद्ध 1967 की जीत के हीरो जनरल सगत सिंह ने कई युद्धों में दिखाया जौहर | Sagat Singh Rathore Hero of india china war 1967 | Patrika News

भारत-चीन युद्ध 1967 की जीत के हीरो जनरल सगत सिंह ने कई युद्धों में दिखाया जौहर

locationजयपुरPublished: Jun 21, 2020 06:14:01 pm

Submitted by:

vinod sharma

कुसुमदेसर के लाल ने चीन पर दागे थे गोले

भारत-चीन युद्ध 1967 की जीत के हीरो जनरल सगत सिंह ने कई युद्धों में दिखाया जौहर

भारत-चीन युद्ध 1967 की जीत के हीरो जनरल सगत सिंह ने कई युद्धों में दिखाया जौहर

चूरू (राजस्थान). लद्दाख की गलवान घाटी की घटना ने भारत-चीन युद्ध 1962 और 1967 की घटना को एक बार फिर से ताजा कर दिया है। इन घटनाओं को लेकर यदि इतिहास के पन्नों को टटोला जाए तो एक ऐसी शख्सियत का नाम आता है कि जिससे जोश जज्बा और जुनून सिर चढ़कर बोलने लगता है। जिनका नाम है जनरल सगत सिंह।
भारत ने चीन को धूल चटा दी थी…
वे भारत-चीन युद्ध में 1967 की जीत के हीरो थे। सिक्किम के पास नाथू ला में भारत-चीन युद्ध में भारत ने चीन को धूल चटा दी थी। जिसमें चीन के 300 से अधिक सैनिक मारे गए थे जबकि भारत ने केवल 65 जवान खोए थे। 1967 की जंग में भारत ने युद्ध जीता था। जब चीन की सेना गोलीबारी करते हुए आगे बढ़ रही थी। उस समय तोप से गोले बरसाने के लिए आदेश देने का अधिकार प्रधानमंत्री के पास था। चीन का दबाव बढ़ते देख जनरल सगत सिंह ने मध्यम दूरी की तोपें मंगर्वा और उनका मुंह खोलकर चीनी ठिकानों पर गोले बरसाने शुरू कर दिए। जिसमें चीन के छक्के छूट गए थे।
चीन का था अल्टीमेट, सगतसिंह नहीं माने…
1967 के भारत-चीन युद्ध का जिक्र मेजर जनरल वीके सिंह की किताब ‘लीडरशिप इन द इंडियन आर्मी में किया गया है। जनरल सिंह ने किताब में लिखा कि उस समय चीन ने भारत को धमकी दी थी कि सिक्किम की सीमा पर स्थित नाथू ला और जेलेप ला की सीमा चौकियां खाली कर देंं। उस समय भारतीय सेना के कोर मुख्यालय के प्रमुख जनरल बेवूर ने जनरल सगत सिंह को वे चौकियां खाली करने के आदेश दिए लेकिन वे नहीं माने।
राठौड़ ने कई युद्धों में दिखाया है जौहर…
सगतसिंह ने पढ़ाई के दौरान ही इंडियन मिलिट्री एकेडमी ज्वॉइन कर ली थी। तत्पश्चात वे बीकानेर स्टेट फोर्स में भर्ती हुए। दूसरे विश्व युद्ध में सगत सिंह ने मेसोपोटामिया, सीरिया, फिलिस्तीन के युद्धों में अपना जौहर दिखाया। 1947 में देश आजाद होने पर उन्होंने भारतीय सेना ज्वॉइन करने का निर्णय लिया और 1949 में 3 गोरखा राइफल्स में कमीशंड ऑफिसर के तौर पर उन्हें नियुक्ति मिली।
15-16 जून को हुई सैन्य हिंसा…
पू्र्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में 15-16 जून को हुई सैन्य हिंसा (India China Clash) के दो दिन बाद तक चीन हमेशा की तरह दो तरफा बातें करता रहा। एक तरफ शांति की दुहाई दे रहे ड्रैगन ने दूसरी ओर गलवान घाटी (Galwan Valley) पर दावा ठोंक किया। अपने 20 जवानों को गंवाने के बाद अब भारत ने फैसला कर लिया है कि चीन अगर चालबाजी से अपने कदम आगे बढ़ाने की कोशिश करेगा तो उसे कीमत भी चुकानी पड़ेगी।

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