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वर्षों बाद भी नहीं बना ‘स्मार्ट विलेज’, समस्याएं जस की तस

locationजयपुरPublished: Jan 05, 2020 08:23:04 pm

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anant

श्री गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय की ओर से ‘स्मार्ट विलेज’ योजना के तहत गोद लिए गांव सागड़ोद की ढाई साल बाद भी तस्वीर नहीं बदली है। गांव के मुख्य मार्ग पर बड़ा बोर्ड लगाने, चंद शिविरों के आयोजन और विद्यालयों में पुस्तकें देकर कर्तव्य की इतिश्री कर ली गई है।

वर्षों बाद भी नहीं बना 'स्मार्ट विलेज', समस्याएं जस की तस

वर्षों बाद भी नहीं बना ‘स्मार्ट विलेज’, समस्याएं जस की तस

बांसवाड़ा में श्री गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय की ओर से ‘स्मार्ट विलेज’ योजना के तहत गोद लिए गांव सागड़ोद की ढाई साल बाद भी तस्वीर नहीं बदली है। गांव के मुख्य मार्ग पर बड़ा बोर्ड लगाने, चंद शिविरों के आयोजन और विद्यालयों में पुस्तकें देकर कर्तव्य की इतिश्री कर ली गई है। ऐसे में साफ है कि सागड़ोद तय मानकों के अनुसार ‘स्मार्ट विलेज’ नहीं बन पाया है।
-समस्या जस की तस
बतादें कि विश्वविद्यालय ने मई 2017 में गांव को गोद लिया था। इसके लिए 14 बिंदु भी तय किए गए थे। गांव को गोद लेने के बाद समय-समय पर समन्वय बैठकें की और समस्याओं की जानकारी ली, लेकिन गांव की समस्याओं का स्थाई समाधान नहीं हो पाया है। कई समस्याएं जस की तस है, जिससे ग्रामीण रोजाना रूबरू हो रहे हैं। ऐसे में ‘स्मार्ट विलेज’ की दृष्टि से कोई खास उपलब्धि नहीं है। गांव का बागीदौरा-बड़ोदिया मार्ग को विभाजित करने वाला तिराहा खस्ताहाल है। इसका ढांचा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। चारों ओर पुलिस के बोर्ड रखे हैं और बीच में टेलीफोन का पोल खड़ा है। विवि का कहना है कि उनके लिखे पत्र के बाद मुख्य मार्ग पर नाली निर्माण का कार्य शुरू हुआ और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने काम पूरा होने की जानकारी दी है, लेकिन हालात अलग हैं।
-पानी निकासी की व्यवस्था नहीं

ग्रामीणों का कहना है कि यहां पानी निकासी की व्यवस्था नहीं है। राजकीय उमावि सागड़ोद में विवि की ओर से 60 हजार रुपए की लागत का शौचालय बनाया है। सात हजार रुपए की लागत से कक्षा पहली से 12वीं के विद्यार्थियों के स्तर की करीब सौ पुस्तकें और दो डस्टबीन दिए हैं, जबकि सबसे ज्यादा आवश्यकता विद्यालय की चारदीवारी की मरम्मत की है, जिस ओर ध्यान नहीं दिया गया है। इतना ही नहीं, सुरवानिया बांध होने का हवाला देकर कार्ययोजना अनुसार तालाब का निर्माण भी नहीं कराया गया है, जबकि बांध माही परियोजना के अधीन है।
-स्मार्ट विलेज के लिए तय हुए ये बिंदु

रोजगार, पेयजल, विद्युतीकरण और आवासस्वास्थ्य व स्वच्छता, जल संरक्षण, ई-इनिशिएटिव, शिक्षा, बच्चों का विकासकृषि ऋण की व्यवस्था, सामाजिक सुरक्षा, नवाचार, सामाजिक उत्तरदायित्व और सड़क व परिवहन व्यवस्था
-इन कार्यों का दावा
16 सितंबर 2017 को निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन
22 नवंबर 2017 को कुलपति ने ग्रामीणों से सुनी समस्याएं
20 सितंबर 2018 को कॅरियर गाइडेंस शिविर का आयोजन
22 अगस्त 2019 को चंद्रयान-2 पर क्विज का आयोजन
11 सिंतबर से 27 अक्टूबर 2019 तक स्वास्थ्य पर चर्चा
बहरहाल, इन सब दावों के बीच ढाई वर्ष गुजर जाने के बाद भी सागड़ोद तय मानकों के अनुसार ‘स्मार्ट विलेज’ नहीं बन पाया है।

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