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नौकरीपेशा महिलाओं में डिमेंशिया का खतरा कम होता है

locationजयपुरPublished: Jul 27, 2019 07:21:46 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

नौकरीपेशा महिलाओं में डिमेंशिया का खतरा कम होता है
-नए शोध में सामने आया कि आर्थिक रूप से मजबूत महिलाओं में ढलती उम्र के साथ डिमेंशिया की आशंका कम हो जाती है
-दुनिया भर में लगभग 5 करोड़ लोगों को डिमेंशिया है। 2018 में आई विश्व अल्जाइमर रिपोर्ट के अनुसार, यह संख्या वर्ष 2050 तक तीन गुना होने का अनुमान है। 2018 में डिमेंशिया के इलाज पर दुनिया भर में 68 हजार 975 अरब रुपए की लागत आई थी जिसके 2030 तक दोगुना होने की उम्मीद है।

नए शोध में सामने आया कि आर्थिक रूप से मजबूत महिलाओं में ढलती उम्र के साथ डिमेंशिया की आशंका कम हो जाती है

दुनिया भर में लगभग 5 करोड़ लोगों को डिमेंशिया है। 2018 में आई विश्व अल्जाइमर रिपोर्ट के अनुसार, यह संख्या वर्ष 2050 तक तीन गुना होने का अनुमान है। 2018 में डिमेंशिया के इलाज पर दुनिया भर में 68 हजार 975 अरब रुपए की लागत आई थी जिसके 2030 तक दोगुना होने की उम्मीद है।

आप एक सफल कॅरियर के साथ संतोषजनक वेतन पर नौकरी कर रही हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। हाल ही हुए एक शोध के निष्कर्ष में यह बात सामने आई है कि 16 से 50 साल के बीच की वे कामकाजी महिलाएं जो अच्छे वेतन पर काम कर रही हैं, उनमें उम्र ढलने के दौरान याददाश्त जाने की आशंका कम होती है। जबकि शोध में ऐसी महिलाओं में मनोभ्रंश के लक्षण और याददाश्त जाने का खतरा सबसे ज्यादा पाया गया जिन्होंने कभी वेतन वाली नौकरी नहीं की।’मेमोरी लॉस’ अल्जाइमर का प्रमुख लक्षण है।
20 साल के शोध का परिणाम
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय और बोस्टन कॉलेज के शोधकर्ताओं ने 1935 से साल 1956 के बीच पैदा हुए 6,836 अमरीकी महिलाओं पर शोध किया। अध्ययन की प्रमुख शोधकर्ता एलिजाबेथ रोज मायेडा ने बताया कि 60 से 70 साल की ऐसी विवाहित महिलाएं जिन्होंने कभी नौकरी नहीं की, उनमें विवाहित माताओं की तुलना में 61 फीसदी ज्यादा तेजी से याददाश्त का समीकरण गड़बड़ाता है। जबकि सिंगल मदर महिलाओं में गिरावट की यह दर 83 फीसदी ज्यादा थी जिन्होंने कभी काम नहीं किया।
नींद की गोलियों से भी स्मृतिलोप
अध्ययन में सामने आया कि ऐसे वयस्क जो नींद की गालियों का उपयोग करते हैं उनमें स्मृतिलोप का खतरा युवाओं की तुलना में 43 फीसदी अधिक होता है। अनुसंधान में सामने आया कि मनोभ्रंश से पीडि़त लोगों में मिर्गी के दौरे सामान्य लोगों की तुलना में 6 गुना ज्यादा पड़ते हैं। अधिक कौशल और कार्य क्षमता की मांग करने वाली नौकरियों ने पुरुषों और महिलाओं में बुढ़ापे में बेहतर स्वास्थ्य परिस्थितियां दिखाईं।
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