बकौल कुटले, हमारी परम्पराओं को पीढ़ी दर पीढ़ी दिल से निभाया जा रहा है। जेकेके में आयोजित वर्कशॉप में कुटले अपने बेटे रईस खान को भी लाए हैं, जो एक महीने तक खड़ताल और गायकी की ट्रेनिंग लेंगे।
कुटले कहते हैं, बॉलीवुड में हमारे यहां के कुछ कलाकारों ने राजस्थान के फोक म्यूजिक की विशेषताओं को साबित किया है, जिससे नई पीढ़ी में एक अलग तरह का उत्साह है। यदि लंगा-मांगणियार कलाकारों के बच्चों के लिए म्यूजिक स्कूल बनाया जाए और वहां पढ़ाई के साथ म्यूजिक की प्रोफेशनल ट्रेनिंग मिले तो बेहतर परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
रियलिटी शो से बनी खास पहचान बकौल कुटले, मैंने अपने चाचा गाजी खान से खड़ताल और गायकी की शिक्षा ली और उनके साथ देश-विदेश के नामचीन फेस्टिवल में प्रस्तुति देने का मौका मिला। इसके बाद देश के नामचीन क्लासिकल कलाकारों के साथ खड़ताल पर जुगलबंदी की। यही नहीं, कैलाश खेर, अनवर खान, इला अरुण जैसे कलाकारों के साथ भी लाइव परफॉर्म करने को मिला। जब स्वरूप खान ‘इंडियन आइडल’ में हिस्सा ले रहा था, तब फिनाले में अपने साथ खड़ताल बजाने के लिए वहां बुलवाया। वहां
अमिताभ बच्चन के सामने परफॉर्म करना मेरे लिए सबसे ज्यादा खास था। आज हर किसी रियलिटी शो में राजस्थान से मांगणियार कलाकारों को भी खास-तौर पर आमंत्रित किया जाता है। सही मायने में रियलिटी शो के कारण अब हमारे कलाकारों की खास पहचान बन गई है और जब भी कोई कलाकार टीवी पर आता है, हर किसी का सीना गर्व से फूल जाता है।
किसी से शिकायत नहीं कमायचा के लिए हमारे शाकर खान को पद्श्री सम्मान मिला है, जिसके बाद हमें किसी से कोई शिकायत नहीं है। इस सम्मान के बाद हमें लगने लगा है कि जो काम हम कर रहे हैं, वो भी किसी से कम नहीं है। रॉस्टन एबल के ‘मांगणियार सिडक्शन’ से जितनी प्रशंसा दुनियाभर में मिली है, उसी का नतीजा है कि कलाकारों के गांव तक सड़क बनने का सपना अब साकार होने लगा है। ज्यादातर कलाकारों के घर तक सड़क पहुंचने लगी है। कुछ गांवों में कच्ची सड़क बनी है, जिन्हें भी पक्की सड़क का इंतजार है।