जब उनसे मॉडरेटर अनुज खरे ने ‘पद्मावत’ लिखने का सवाल किया तो, उन्होंने कहा कि यदि मैं ‘पद्मावत’ लिखता तो खिलजी की एेसी पत्नी क्रिएट करता कि उसके चलते खिलजी खुद जौहर कर लेता।
इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए कहा कि फेसबुक पर लड़के लोग लड़कियों की फोटो लगाकर फैंड बन जाते है, जो वहां दिखने में पद्मनी से कम नहीं लगती, लेकिन जब उनसे मिलते है तो वे खिलजी से कम नहीं दिखते।
पॉलिटिशियंस के बारे में कहते हुए वे बोले, ‘पृथ्वी, अग्नि, जल, आकाश, वायु जैसे पांच तत्वों के साथ पैन और आधार जोड़ दे तो इन सात तत्वों से इंडियन बनता है और आठवा तत्व नेता होता है, जो इन सात तत्वों को बनाता है। वैसे इस समय नेता देश के काम नहीं आ रहे है, लेकिन व्यंग्कारों के लिए जरूर काम आ रहे है।’
एक व्यंग्यकार की पीड़ा बताते वे कहते है, वैसे हास्य-व्यंग्य करते वक्त डर लगता है, हरिशंकर परसाई की तो पिटाई भी हुई थी। उन्होंने कवियों की जिम्मेदारी पर कहा कि हम दिशा नहीं दे सकते, दृष्टि दे सकते है।
– आज भी जो यह मानते हैं की भारत की आत्मा गांव में बसती है, मेरे ख्याल में उन्होंने गांव उतने ही देखे हैं जितनी की आत्मा। – संसद पर जिन आतंकियों ने हमला किया था, सुरक्षा प्रहरियों ने उन्हें गोली मारने से पहले निश्चित ही कहा होगा कि मानते हैं आप लोग बहुत बड़े अपराधी हैं, लेकिन चुनाव जीते बिना अंदर नही जाने देंगे।
– गांव के लोग किफायती इस हद तक हैं की मिस्ड काल भी अपने फाेन से नही करते हैं और दरियादिल ऐसे की करने के बाद फाेन करके पूछते रहते हैं की मिस्ड कॉल मिला क्या।
– उम्र की फ सल भी रिश्तो में बाधक नही बनता। दिन में जो लड़का बेटे का क्लासफेलो होता है, शाम को वही बाप का ग्लासफेलो होता है।