क्रेडाई ने इन हालातों के लिए सरकार को जिम्मेदार बताया। क्रेडाई राजस्थान के चेयरमेन गोपाल गुप्ता ने बताया कि करीब 3 वर्ष पहले ही कोर्ट ने सरकार को पर्यावरणीय एनओसी देने के लिए चेताया था, लेकिन सरकार ने दायित्व पूरा नहीं किया। इस कारण ऐसे हालात देखने को पड़ रहे हैं।
मध्यप्रदेश है नजीर, नीति अपनाने की जरूरत…
—क्रेडाई अध्यक्ष अनुराग शर्मा ने बताया कि इस समस्या से निपटने के लिए राजस्थान में भी छोटे लीजधारक बनाने होंगे। अभी 80 ही लीज धारक हैं।
—स्थानीय लोगों और छोटे किसान—कातश्कारों को लीज अधिकार मिलेंगे तो रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
—स्थानीय इलाके का विकास होगा और जीवन स्तर भी सुधरेगा।
—मध्यप्रदेश सरकार ने भी ऐसी ही व्यवस्था कर रखी है। वहां पंचायत स्तर पर खनन के अधिकार दिए गए हैं।
बैंक लोन चुकाना हो रहा मुश्किल…
मध्यप्रदेश है नजीर, नीति अपनाने की जरूरत…
—क्रेडाई अध्यक्ष अनुराग शर्मा ने बताया कि इस समस्या से निपटने के लिए राजस्थान में भी छोटे लीजधारक बनाने होंगे। अभी 80 ही लीज धारक हैं।
—स्थानीय लोगों और छोटे किसान—कातश्कारों को लीज अधिकार मिलेंगे तो रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
—स्थानीय इलाके का विकास होगा और जीवन स्तर भी सुधरेगा।
—मध्यप्रदेश सरकार ने भी ऐसी ही व्यवस्था कर रखी है। वहां पंचायत स्तर पर खनन के अधिकार दिए गए हैं।
बैंक लोन चुकाना हो रहा मुश्किल…
क्रेडाई के ज्वाइंट सेकेट्री हितेश धानुका ने स्पष्ट कर दिया कि रियल एस्टेट कारोबारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्रोजेक्ट के लिए जो बैंकों से लोन लिया है, उसकी किश्त चुकाना मुश्किल हो गया है। काम नहीं होने से बैंक भी बाकी की लोन राशि नहीं दे पा रहा है। इससे आशियाने की बुकिंग कराने वालों को भी समय पर पेजेशन नहीं दिया जा सकेगा।
आरबीआई की तरह 50 लाख रुपए तक आवास हो अफोर्डेबल हाउसिंग में..
रिजर्व बैंक ने 50 लाख रुपए तक के घर को अफोर्डेबल हाउसिंग में माना है। क्रेडाई ने राजस्थान सरकार से भी पचास लाख रुपए तक के आवास को अफोर्डेबल आवास की श्रेणी का दर्जा देने की मांग की है। जब यह अफोर्डेबल आवास श्रेणी में होता तो स्टॉम्प ड्यूटी भी 2 प्रतिशत व रजिस्ट्रेशन शुल्क अधिकतम 10 हजार रुपए करने की जरूरत मानी। इससे प्रदेश के जरूरतमंद लोगों को आसानी से आशियाना उपलब्ध होगा।
आरबीआई की तरह 50 लाख रुपए तक आवास हो अफोर्डेबल हाउसिंग में..
रिजर्व बैंक ने 50 लाख रुपए तक के घर को अफोर्डेबल हाउसिंग में माना है। क्रेडाई ने राजस्थान सरकार से भी पचास लाख रुपए तक के आवास को अफोर्डेबल आवास की श्रेणी का दर्जा देने की मांग की है। जब यह अफोर्डेबल आवास श्रेणी में होता तो स्टॉम्प ड्यूटी भी 2 प्रतिशत व रजिस्ट्रेशन शुल्क अधिकतम 10 हजार रुपए करने की जरूरत मानी। इससे प्रदेश के जरूरतमंद लोगों को आसानी से आशियाना उपलब्ध होगा।