लॉकडाउन में ही वाइंड अप
देश में मिग-27 (अपग्रेडेड) लड़ाकू विमान की अंतिम स्क्वाड्रन का वाइंड अप ३१ मार्च को जोधपुर वायुसेना स्टेशन पर कर दिया गया। स्कोर्पियन नाम से मशहूर स्क्वाड्रन संख्या-२९ की समस्त प्रशासनिक व कागजी कार्यवाही अब खत्म हो गई है। मिग-२७ लड़ाकू विमानों ने अंतिम उड़ान पिछले साल २७ दिसम्बर को भरी थी। इसी दिन जोधपुर वायुसेना स्टेशन पर वाटर कैनन सेल्यूट के साथ विमानों को विदाई गई। अब जोधपुर में आने वाले नए विमानों को स्क्वाड्रन संख्या-२९ आवंटित हो सकती है। गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना ने रूस से १९८४ में खरीदे मिग-२७ लड़ाकू विमानों को बहादुर नाम दिया था। इन्होंने कारगिल युद्ध में १९९९ में मुख्य भूमिका निभाई थी। आर्मी व बीएसएफ का मूवमेंट भी बंद लॉकडाउन के चलते आर्मी व सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का मूवमेंट भी बंद है। जोधपुर स्थित मिलिट्री स्टेशन में केवल महत्वपूर्ण कार्य ही संचालित हो रहे हैं।
देश में मिग-27 (अपग्रेडेड) लड़ाकू विमान की अंतिम स्क्वाड्रन का वाइंड अप ३१ मार्च को जोधपुर वायुसेना स्टेशन पर कर दिया गया। स्कोर्पियन नाम से मशहूर स्क्वाड्रन संख्या-२९ की समस्त प्रशासनिक व कागजी कार्यवाही अब खत्म हो गई है। मिग-२७ लड़ाकू विमानों ने अंतिम उड़ान पिछले साल २७ दिसम्बर को भरी थी। इसी दिन जोधपुर वायुसेना स्टेशन पर वाटर कैनन सेल्यूट के साथ विमानों को विदाई गई। अब जोधपुर में आने वाले नए विमानों को स्क्वाड्रन संख्या-२९ आवंटित हो सकती है। गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना ने रूस से १९८४ में खरीदे मिग-२७ लड़ाकू विमानों को बहादुर नाम दिया था। इन्होंने कारगिल युद्ध में १९९९ में मुख्य भूमिका निभाई थी। आर्मी व बीएसएफ का मूवमेंट भी बंद लॉकडाउन के चलते आर्मी व सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का मूवमेंट भी बंद है। जोधपुर स्थित मिलिट्री स्टेशन में केवल महत्वपूर्ण कार्य ही संचालित हो रहे हैं।