ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि गणेश चतुर्थी व्रत न केवल धन—संपत्ति कारक होता है बल्कि हर प्रकार के संकटों से भी बचाता है.गणेशजी बुद्धिविधाता, संकटनाशक हैं। 33 कोटि देवी—देवताओं में भगवान गणेश का सबसे अहम स्थान है। किसी भी शुभ कार्य के पहले सर्वप्रथम उन्हीं की पूजा करने का विधान है। गणेशजी की आराधना के लिए कई मंत्र, स्त़ोत्र आदि हैं। ऐसे ही मंत्र, स्तोत्र में संकटनाशन गणेश स्तोत्र भी है। गणेशजी का यह स्तोत्र प्रभावी स्तोत्र माना जाता है। संकटनाशन गणेश स्तोत्र का नियमित पाठ बड़े से बड़ा संकट भी टाल देता है। यदि आप भी किसी संकट से गुजर रहे हैं या उसकी आशंका है तो इसका पाठ आज जरूर करें.
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर बताते हैं कि कोई ऐसा संकट सामने दिख रहा हो जिससे बचने का कोई उपाय नजर नहीं आ रहा हो तब संकटनाशन गणेश स्तोत्र का विश्वासपूर्वक पाठ करें. बुधवार को गणेशजी की पूजा कर उन्हें दूर्वा जरूर अर्पित करें। भगवान गणेश् के विग्रह के सामने संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करें। पाठ शुरु करने के पहले और पाठ समाप्ति के बाद गणेशजी से संकट खत्म करने की प्रार्थना करें। ऐसा लगातार चालीस दिनों तक करें। श्रद्धा और विश्वासपूर्वक पाठ करने पर फल जरूर मिलेगा और गणेशजी के आशीर्वाद से संकट टल जाएगा।