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Sanskrit Education- प्रशासनिक पदों की पदोन्नति की मांग

locationजयपुरPublished: Jan 22, 2022 07:45:01 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

राजस्थान राज्य कर्मचारियों संयुक्त महासंघ (लोकतांत्रिक) के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष बनवारी शर्मा ने संस्कृत शिक्षा विभाग के विद्यालय संवर्ग के प्रशासनिक पदों की शेष डीपीसी को भी अविलम्ब करवाने को लेकर संस्कृत शिक्षा मंत्री,सचिवालय स्तर और निदेशक संस्कृत शिक्षा को ज्ञापन सौंपा।

Sanskrit Education- प्रशासनिक पदों की पदोन्नति की मांग

Sanskrit Education- प्रशासनिक पदों की पदोन्नति की मांग

संस्कृत शिक्षा विद्यालय संवर्ग के शेष प्रशासनिक पदों की भी हो अविलम्ब पदोन्नति

22 जनवरी, जयपुर। राजस्थान राज्य कर्मचारियों संयुक्त महासंघ (लोकतांत्रिक) के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष बनवारी शर्मा ने संस्कृत शिक्षा विभाग के विद्यालय संवर्ग के प्रशासनिक पदों की शेष डीपीसी को भी अविलम्ब करवाने को लेकर संस्कृत शिक्षा मंत्री,सचिवालय स्तर और निदेशक संस्कृत शिक्षा को ज्ञापन सौंपा।
बनवारी शर्मा ने सबसे पहले संस्कृत शिक्षा मंत्री व संस्कृत शिक्षा के विभागीय अधिकारियों का धन्यवाद देते हुए संस्कृत शिक्षा विभाग में कार्मिकों की पदोन्नति करवाने पर बधाई दी, क्योंकि पदोन्नति से बढ़कर कार्मिकों को कोई तोहफा नहीं होता है और इस पदोन्नति से सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार भी नहीं पड़ेगा। इसके साथ ही प्रमुख शासन सचिव संस्कृत शिक्षा के नेतृत्व में संस्कृत शिक्षा विभाग में विद्यालय संवर्ग की पदोन्नति में शेष रहे विद्यालय संवर्ग के प्रशासनिक पद प्रधानाचार्य संस्कृत प्रशिक्षण विद्यालय, वरिष्ठ उप निरीक्षक, उप निरीक्षक के क्रमश: 1, 8 व 9 पदों पर वर्षो से लंबित पदोन्नति भी अविलम्ब करवाने का मांगपत्र सौंपा। ये सभी पद राजस्थान संस्कृत शिक्षा विभाग के विद्यालय संवर्ग के सेवानियमों में स्वीकृत हैं और इन सभी पदों पर कार्य व्यवस्थार्थ कार्मिकों से कार्य करवाया जा रहा है। यदि इन पदों पर भी पदोन्नति होती है तो कार्मिकों को पदोन्नति का अवसर मिलेगा साथ ही राज्य सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार भी नहीं आएगा, इसके साथ-साथ संस्कृत शिक्षा विभागीय प्रशासनिक तंत्र मजबूत होगा जिसके चलते संस्कृत शिक्षा विभाग में जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन होगा साथ ही विद्यालयों की प्रभावी मोनिटरिंग भी हो सकेगी। गौरतलब है कि यह पद 2015 में सेवानियमों से सृजित हुए हैं और तब से इन पर डीपीसी नहीं हुई है ऐसे में विभागीय अधिकारियों को तत्काल इनकी भी डीपीसी करवाना चाहिए।
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