Sanskrit Education- डीपीसी कर पदस्थापन देना भूल गए अधिकारी
प्रदेश में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने का दावा कर रही सरकार संस्कृत शिक्षा विभाग के कार्मिकों की डीपीसी प्रक्रिया पूरी कर कार्मिकों को पदस्थापना देना भूल चुकी है। पहले राजस्थान लोक सेवा आयोग में अध्यक्ष का पद रिक्त होने के कारण लंबे समय तक डीपीसी की प्रक्रिया लंबित रही , फिर विधानसभा सत्र की आड़ में विभाग ने कार्मिकों को पदस्थापना नहीं दी। नतीजा कार्मिक बिना पदोन्नति सेवानिवृत्त हो रहे हैं। अब जबकि विधानसभा सत्र भी समाप्त हो चुका है फिर भी उन्हें पदस्थापना नहीं दी गईहै।
जयपुर
Published: April 06, 2022 02:16:28 pm
पदोन्नत कर्मचारियों को पदस्थापन का इंतजार
डीपीसी कर पदस्थापन देना भूल गए अधिकारी
जनवरी में स्कूल शाखा में हुई थी 165 पदों पर पदोन्नति
जयपुर।
प्रदेश में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने का दावा कर रही सरकार संस्कृत शिक्षा विभाग के कार्मिकों की डीपीसी प्रक्रिया पूरी कर कार्मिकों को पदस्थापना देना भूल चुकी है। पहले राजस्थान लोक सेवा आयोग में अध्यक्ष का पद रिक्त होने के कारण लंबे समय तक डीपीसी की प्रक्रिया लंबित रही , फिर विधानसभा सत्र की आड़ में विभाग ने कार्मिकों को पदस्थापना नहीं दी। नतीजा कार्मिक बिना पदोन्नति सेवानिवृत्त हो रहे हैं। अब जबकि विधानसभा सत्र भी समाप्त हो चुका है फिर भी उन्हें पदस्थापना नहीं दी गईहै।
डीपीसी प्रक्रिया पूरी लेकिन पदस्थापना नहीं
गौरतलब है कि 2 दिसम्बर 2021 को राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष रहे भूपेन्द्र यादव का कार्यकाल पूरा होने के बाद आयोग का कोई स्थायी अध्यक्ष नहीं था। राज्य सरकार ने शिव सिंह राठौड़ को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया जिसके बाद संस्कृत शिक्षा विभाग में विद्यालय संवर्ग के विभिन्न 165 पदों पर पदोन्नति की बैठक 21 जनवरी को राजस्थान लोक सेवा आयोग में आयोजित हुई थी। बैठक में संभागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी/सहायक निदेशक के 9 पदों, प्रधानाध्यापक प्रवेशिका के 5 पदों और विभिन्न विषयों के विद्यालय शाखा के प्राध्यापकों के 142 पदों के साथ ही वरिष्ठ अध्यापक टीएसपी के 9 पद के लिए डीपीसी की गई। इस प्रकार विद्यालय संवर्ग के कुल 165 पदों पर कार्मिकों की डीपीसी की गई थी। डीपीसी का अनुमोदन होता इससे पहले ही उनका कार्यकाल पूरा हो गया और फिर जसवंत राठी को 2 फरवरी को कार्यवाहक अध्यक्ष बना दिया गया। ऐसे में इन कार्मिकों की पदस्थापना अब तक नहीं की जा सकी है।पदोन्नति की बैठक को दो माह से भी अधिक समय हो चुका है लेकिन इस कर्मचारी पदोन्नति की आस लिए सेवानिवृत्त तक हो गया लेकिन कार्मिकों के पदोन्नति और पदस्थापना आदेश अब तक जारी नहीं हो सके।
इसी माह रिटायर हो जाएंगे कुछ अधिकारी
गौरतलब है कि पदोन्नत होने वाले अधिकांश कर्मचारी जल्द ही सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इन 165 पदोन्नत कर्मचारियों में 9 प्रमुख पद संभागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी और सहायक निदेशक जैसे हैं, जिनके पदस्थापन होने से संभागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में स्थाई अधिकारियों की नियुक्ति हो पाएगी क्योंकि यह सभी पद वर्तमान में कार्य व्यवस्था पर संचालित हैं और कुछ पर कार्यरत अधिकारी वरिष्ठता सूची में तो सबसे आगे हैं लेकिन उनका पद नाम अभी भी प्रधानाचार्य ही है।
इनका कहना है,
राजस्थान कर्मचारी चयन आयोग में डीपीसी की बैठक तो हो चुकी है लेकिन अभी तक हमें वहां अनुमोदन नहीं मिला है जिसके कारण हम पदोन्नति आदेश और पदस्थापना नहीं दे सके हैं। वैसे वर्तमान में विधानसभा सत्र भी चल रहा था इससे भी प्रक्रिया में कुछ देरी हुई है।
दीर्घाराम राम स्नेही, निदेशक
संस्कृत शिक्षा विभाग।

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