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सपना का ‘सपना’ रह गया अधूरा, इधर माेदी काे मिली चाक चाैबंद सुरक्षा व्यवस्था

locationजयपुरPublished: Jul 07, 2018 01:37:38 pm

Submitted by:

santosh

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sapna choudhary vs pm modi

सपना का ‘सपना’ रह गया अधूरा, इधर माेदी काे मिली चाक चाैबंद सुरक्षा व्यवस्था

जयपुर। जाेधपुर में हरियाणा की डांसर सपना चाैधरी के ठुमके देखने का लाेगाें का ख्वाब ‘सपना’ ही रह गया, लेकिन जयपुर में माेदी का भाषण लाेग जरूर सुनेंगे। जयपुर में अमरूदों के बाग में होने वाले प्रधानमंत्री मोदी के लाभार्थी सम्मेलन को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर है।
पूरी राजधानी में पुलिस मुस्तैद है। शहर में घुसने वाले सभी रास्ताें पर पुलिस का पहरा है। कार्यक्रम स्थल के आसपास सीसीटीवी और ड्रोन से हर गतिविधि पर निगाह रखी जा रही है।

पानी की तरह बहाया जा रहा पैसा
पुलिस इतनी सर्तक है कि काले कपड़े पहनने वालाें काे सभा स्थल में प्रवेश भी नहीं दिया जा रहा है। एयरपोर्ट पर 200 कमांडों और पुलिसकर्मियों का अतिरिक्त जाब्ता सुरक्षा व्यवस्था के लिए लगाया गया है।
सभा स्थल पंडाल और आस-पास के क्षेत्र में हाइक्वालिटी के 250 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो ज्योति नगर थाने में लगी स्क्रीन से जुड़े हैं। यहां पर पुलिसकर्मी सभा के समाप्त होने तक लाइव निगरानी रखेंगे। कुल मिलाकर सभा के लिए पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है।
छाेटे से कार्यक्रम काे सुरक्षा नहीं दे पार्इ पुलिस
खैर बात पीएम की बात हाे ताे एेसी सुरक्षा बहुत जरूरी है। लेकिन हैरत की बात यह है कि पुलिस-प्रशासन हाल ही में जाेधपुर में सपना चाैधरी के एक छाेटे से कार्यक्रम काे सुरक्षा नहीं दे पाया।
जिसके चलते डांसर सपना चाैधरी काे हंगामे की वजह से वहां से पिछले रास्ते से निकलना पड़ा आैर लाेगाें का ‘तेरी आंख्या का यो काजल म्हने करे से घायल…’ धुन पर सपना का डांस देखना हकीकत नहीं बना पाया।
हाईकोर्ट के आदेश से मिली कार्यक्रम की अनुमति
दरअसल, सपना चौधरी का जोधपुर में होने वाले शो की अनुमति का राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के बाद मिली थी। सपना चौधरी के कार्यक्रम पर रोक को लेकर पुलिस की दलील थी कि उनके पास कानून व्यवस्था संभालने के लिए उचित जाप्ता मौजूद नहीं है। इसलिए अनुमति नहीं दी जा सकती है। इस पर आपत्ति जताते हुए आयोजक राजस्थान हाईकोर्ट पहुंचे थे।
जब नेताओं के लिए जाप्ता आ सकता हैं तो…
कोर्ट ने कार्यक्रम के लिए पुलिस के इजातत नहीं देने पर नाराजगी जाहिर की और पुलिस को भी जमकर लताड़ लगाई। सुनवाई के दौरान जस्टिस संदीप मेहता ने पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि शहर को कार्यक्रम बड़ी मुश्किल से मिलते हैं। ऐसे में पुलिस की इज़ाज़त नहीं मिलना चौंकाता है।
कोर्ट ने कहा कि नेताओं के कार्यक्रम के लिए लॉ एंड आर्डर के लिए जाप्ता कहां से आता है? जब नेताओं के लिए जाप्ता आ सकता हैं तो फिर जनता के कार्यक्रम के लिए जाप्ता क्यों नहीं होता है और जनता के कार्यक्रम में नफरी क्यों नहीं होती है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि निजी कार्यक्रम होने के कारण पुलिस आयोजकों से पुलिस जाब्ता लगाने का खर्च वसूल कर सकती है।
पुलिस जाब्ता एेनवक्त पर हटाया आैर जिसका डर था वही हुआ
हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस को कार्यक्रम के लिए अनुमति जारी करनी पड़ी थी। इसके बाद कानून-व्यवस्था के लिए एक अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त, चार सहायक पुलिस उपायुक्त, पांच निरीक्षक, दस उप निरीक्षक, 15 हैड कांस्टेबल व 150 कांस्टेबल की आवश्यकता जताई थी। जिसका शुल्क 8,52,359 रुपए जमा कराने थे, लेकिन आयोजनकर्ता ने 2.91 लाख रुपए का डीडी ही जमा कराया। सुरक्षा व्यवस्था के लिए निर्धारित राशि में से 8.52 लाख रुपए की जगह 2.91 लाख रुपए का डीडी ही पुलिस में जमा कराने पर पुलिस जाब्ता एेनवक्त पर हटा लिया गया। जिसके चलते कार्यक्रम बाउंसरों के भरोसे हो गया आैर हंगामे के बाद सपना काे वहां से जाना पड़ा।
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