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अवैध मीट दुकानों के विरोध में सड़क उतरे MLA Saraf, फिर लगे 11 दुकानों के ताले

locationजयपुरPublished: Dec 07, 2019 05:22:21 pm

Submitted by:

Bhavnesh Gupta

#गरमाई सियासत #KalicharanSaraf #JMC

अवैध मीट दुकानों के विरोध में सड़क उतरे MLA Saraf, फिर लगे 11 दुकानों के ताले

अवैध मीट दुकानों के विरोध में सड़क उतरे MLA Saraf, फिर लगे 11 दुकानों के ताले

जयपुर। अवैध रूप से संचालित मीट की दुकान के खिलाफ लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। करतारपुरा के पास भगवती नगर इलाके में ऐसा ही मामला सामने आया। यहां गुस्साए लोगों के साथ विधायक कालीचरण सराफ भी आ गए। सराफ दुकानों को बंद कराने के लिए धरने पर बैठ गए। उनके साथ लोगों ने भी रास्ता रोका। मामला बढ़ा तो पुलिस से लेकर निगम अधिकारी मौके पर पहुंचे। फिर सभी 11 दुकानों को ताले लगा दिए गए। उपायुक्त (पशु प्रबंधन) रामकिशोर मीणा ने धरने पर बैठे विधायक सराफ को भरोसा दिलाया कि वे इनकी जांच कर कार्रवाई करेंगे लेकिन सराफ नहीं माने और तत्काल एकशन लेने की बात कही। इस बीच लोग, भाजपा कार्यकर्ता सड़क पर ही बैठे रहे। इससे जाम के हालात हो गए। मामला तूल पकड़ने लगा तो पुलिस ने भी निगम अधिकारियों को नियमों के तहत एक्शन लेने की बात कही। इसके बाद निगम अफसरों ने सभी दुकान संचालनकर्ताओं से लाइसेंस मांगा लेकिन दो-तीन के अलावा कोई पेश नहीं कर सका। इनमें से भी दो की लाइसेंस अवधि समाप्त हो चुकी थी। इसके बाद उपायुक्त ने सभी ग्यारह दुकानों के ताले लगा गए। हालांकि, उन्होंने दुकाने सील नहीं की बल्कि ताला लगाकर गली छोड़ दी। तर्क दिया कि, जोन उपायुक्त के पास ही दुकान सील करने के अधिकार हैं।
कांग्रेस सरकार : गरमाई सियासत

स्थानीय विधायक सराफ भाजपा से हैं। पहले करतापुरा नाले से जुड़े मामले में और फिर अन्य दो मुद्दों पर धरने पर बैठे, जिसके तत्काल बाद प्रशासर एक्शन में आ गया। इससे कांग्रेस नेता अर्चना शर्मा भी सक्रिय हुईं। बताया जा रहा है अर्चना शर्मा ने ऐसे अफसरों के खिलाफ पार्टी और सरकार में उच्च स्तर पर शिकायत भी की, जो सराफ के धरना देते ही काम करने के लिए सक्रिय हो गए। जेडीए के एक अभियंता का तो ट्रांसफर होते-होते बचा। अब मीट की दुकान मामले से सियासत और ज्यादा गरमा गई है।
असामाजिक तत्वों का जमावड़ा
निगम अफसर और पुलिसकर्मी पहुंचे तो सराफ ने दो टूक कहा कि- यहां अवैध तरीके से दुकानें संचालित हो रहे है और दोनों महकमों को ध्यान ही नहीं है। मीट और शराब की दुकानों के कारण असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे यहां से बच्चों और महिलाओं का तो गुजरना ही दूभर हो गया है। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने गश्त बढ़ाने की बात कही लेकिन उन्होंने ठोस कार्रवाई के लिए कहा। इसके बाद निगम प्रशासन सक्रिय हुआ।
ये रहे साथ
शहर भाजपा उपाध्यक्ष ब्रहृम कुमार सैनी, पूर्व पार्षद चंद्र भाटिया, संजीव शर्मा, बाबूलाल दातोनिया, सर्वेश लोहीवाल, हरि अजमेरा, महेन्द्र अजमेरा, मंडल अध्यक्ष सुरेन्द्र पालीवाल, युवा मोर्चा शहर उपाध्यक्ष गौरव तिवाड़ी, शहर मंत्री रेखा तिवाड़ी, मंडल महामंत्री राज कुलदीप सिंह, जितेन्द्र अजमेरा, वार्ड संयोजक डी. डी. सैनी, रोहित अजमेरा, मीडिया संयोजक जगदीश खत्री व बड़ी संख्या में कार्यकर्ता साथ रहे।

-सभी ग्यारह दुकानों को बंद कराकर ताले लगा दिए हैं। उनसे लाइसेंस से जुड़े दस्तावेज मंगवाएं। यदि दस्तावेज नहीं मिले तो दुकानें सील कर देंगे। सील करने का अधिकार जोन उपायुक्त का है, इसी कारण सील नहीं की। किसी को फायदा पहुंचाना बिल्कुल मकसद नहीं है। -रामकिशोर मीणा( पशु प्रबंधन), उपायुक्त, नगर निगम
-इस इलाके में अवैध गतिविधियों का संचालन बढ़ता जा रहा है। लोग बहुत ज्यादा परेशान हैं, उनकी सुनवाई हो नहीं रही इसीलिए सड़क पर उतरना पड़ा है। असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है और ऐसे माहौल में बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं है। निगम उपायुक्त ने सभी 11 दुकानों को ताले लगा दिए हैं। दो-तीन दिन इंतजार करेंगे, यदि सील नहीं करेंगे तो फिर से सड़क पर उतरना पड़ेगा। -कालीचरण सराफ, विधायक
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