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जयपुर

रिकॉर्ड में बढ़ा सरिस्का का क्षेत्र, सुविधाएं नहीं, बाघों पर मुसीबत बरकरार

सरिस्का बाघ परियोजना के मौके पर क्षेत्रफल में भले ही कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ हो, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में सरिस्का के क्षेत्रफल में 381.59 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र बढ़ गया है। राज्य सरकार ने अनसर्वेड वन भूमि को राजस्व अभिलेख में अंकित किए जाने की स्वीकृति प्रदान की है। रिकॉर्ड में दायरा बढ़ा, लेकिन सुविधाओं में सरिस्का अब भी तंगहाली झेल रहा है, यही कारण है कि बाघों पर आई मुसीबत बरकरार है।

जयपुरJun 26, 2022 / 07:00 pm

Anand Mani Tripathi

Tiger Reserve

Sariska Tiger Reserve

सरिस्का बाघ परियोजना के मौके पर क्षेत्रफल में भले ही कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ हो, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में सरिस्का के क्षेत्रफल में 381.59 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र बढ़ गया है। राज्य सरकार ने अनसर्वेड वन भूमि को राजस्व अभिलेख में अंकित किए जाने की स्वीकृति प्रदान की है। रिकॉर्ड में दायरा बढ़ा, लेकिन सुविधाओं में सरिस्का अब भी तंगहाली झेल रहा है, यही कारण है कि बाघों पर आई मुसीबत बरकरार है।

अलवर जिले में बड़ा भू भाग अनसर्वेड है,इसमें वन क्षेत्र का दायरा भी काफी बड़ा है। राजगढ़, थानागाजी, मालाखेड़ा व अलवर तहसील क्षेत्र के करीब 12 गांवों में 38159.34 हैक्टेयर अनसर्वेड है। ये सभी गांव सरिस्का बाघ परियोजना का हिस्सा हैं। इनका संयुक्त सर्वे के बाद राजस्व रिकॉर्ड में अंकन किया जाना था। जिला कलक्टर, प्रधान वन संरक्षक कार्ययोजना एवं वन बंदोबस्त राजस्व जयपुर की ओर से अनसर्वेड वन भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में अंकित किए जाने के प्रस्ताव भिजवाए थे। राजस्व विभाग के सहायक शासन सचिव ने गत 25 मई को आदेश जारी कर 38159.34 हैक्टेयर यानि 381.59 वर्ग किलोमीटर अनसर्वेड वन भूमि को रिकॉर्ड में दर्ज कर गांवों के क्षेत्रफल में वृद्धि करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है।

सरिस्का में सुरक्षाकर्मियां की कमी
राज्य सरकार की ओर से रिकॉर्ड में सरिस्का के वन क्षेत्र का क्षेत्रफल बढ़ाने के बावजूद वन्यजीवों एवं पर्यटकों के लिए सुविधाओं में कोई विस्तार नहीं हुआ है। सरिस्का अब भी सुरक्षाकर्मियों की कमी झेल रहा है। सुरक्षा के लिए चारदीवारी आदि के प्रस्तावों को भी मंजूरी का इंतजार है। वहीं पर्यटकों के लिए सुविधाओं में कोई विस्तार नहीं किया गया है। सुरक्षा की कमी बाघों एवं अन्य वन्यजीवों को भारी पड़ रही है। सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से बाघों की मॉनिटरिंग प्रभावित हो रही है, जिससे बाघ गुम हो रहे हैं या फिर शिकारियों के हत्थे चढ़ रहे हैं।

रिकॉर्ड में सरिस्का के इन गांवों का बढ़ा क्षेत्रफल

राजगढ़ तहसील के नांडू, उमरी देवरी, बरवा डूंगरी, दबकन, टहला, भानगढ़ का 19368.59 हैक्टेयर क्षेत्रफल बढ़ा है। वहीं थानागाजी के थानागाजी, सिलीबावड़ी व अजबगढ़ गांवों का क्षेत्रफल 9201.15 हैक्टेयर क्षेत्रफल बढ़ा है। इसी तरह मालाखेड़ा के बालेटा व कुशालगढ़ गांवों का 8077.25 हैक्टेयर क्षेत्रफल बढ़ा है और अलवर तहसील के कालीखोल गांव का 1512.35 हैक्टेयर क्षेत्रफल बढ़ा है। यानि अलवर जिले में सरिस्का से जुड़े गांवों का क्षेत्रफल रिकॉर्ड में 38159.34 हैक्टेयर बढ़ गया। हालांकि इन गांवों में बढ़ा क्षेत्रफल पहले से ही वन क्षेत्र है, लेकिन सर्वे नहीं होने से यह बढ़ा क्षेत्रफल सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं था। सरकार की पहल के बाद सरकारी रिकॉर्ड में तो क्षेत्रफल बढ़ गया, लेकिन मौके पर वन क्षेत्र में कोई बदलाव नहीं आया है।

सरिस्का में 381.59 वर्ग किलोमीटर भूमि अनसर्वेड, सालों से मौके पर कब्जा

वन बंदोबस्त में 381.59 वर्ग किलोमीटर अन सर्वेड भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने की अनुमति जारी

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