scriptआर-पार की लड़ाई की मूड में सरपंच, 8 मार्च को विधानसभा कूच | Sarpanches will protest on assembly on March 8 for their demands | Patrika News

आर-पार की लड़ाई की मूड में सरपंच, 8 मार्च को विधानसभा कूच

locationजयपुरPublished: Feb 27, 2021 11:58:31 am

Submitted by:

firoz shaifi

-28फरवरी सभी विधायकों को सरपंच ज्ञापन देकर करेंगे विधानसभा में मांगें उठाने की मांग, मांगे नहीं मानी तो उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों के बहिष्कार की चेतावनी

जयपुर। लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर सरकार से गुहार से लगा रहे सरपंचों ने अब आरपार की लड़ाई का मन बिना लिया है। अपनी मांगों को लेकर प्रदेश भर से सरपंच ‘राजस्थान सरपंच संघ’ के बैनरतले 8 मार्च को विधानसभा कूच विधानसभा का घेराव करेंगे। इसके बाद भी अगर सरकार सरपंच संघ की मांगो को गंभीरता से नहीं लेती है तो फिर बड़े स्तर पर आंदोलन छेड़ने जाएगा।

राजस्थान सरपंच संघ के प्रदेशाध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल और प्रवक्ता रफीक पठान का कहना है कि पिछले कई माह से सरपंच अपने विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैंस मगर सरकार सरपंचों की मांगों के प्रति सकारात्मक रुख नहीं अपना रही है, जिससे मजबूर होकर अब सरपंच विधानसभा का घेराव करेंगे। इसके अलावा सभी जिलों में भी विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।

कल विधायकों को ज्ञापन देंगे सरपंच
वहीं कल सरपंच प्रदेश के सभी विधायकों को ज्ञापन देकर विधानसभा में उनकी मांगें उठाने का आग्रह करेंगे। उसके बाद पंचायत समिति स्तर पर 3 मार्च को सभी सरपंचों की बैठक होनी है जिसमें विधानसभा का घेराव की रणनीति बनाएंगे। 5 मार्च की मासिक बैठक का बहिष्कार और 8 मार्च को विधानसभा का घेराव किया जाएगा।

राजस्थान सरपंच संघ के प्रदेशाध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल ने बताया कि 8 मार्च को प्रदेश भर के सभी सरपंच जयपुर में एक जगह इकट्ठा होकर वहां से गांधीवादी तरीके से मौन धारण कर विधानसभा का घेराव करेंगे। इसके बाद भी अगर सरपंचों की मांगे नहीं मानी गई तो आने वाले विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों का बहिष्कार किया जाएगा।

ये हैं प्रमुख मांगें
-राजस्थान स्टेट फाइनेंस कमीशन का बकाया 2965 करोड़ रुपए पंचायतों को दिए जाएं
-छठे वित्त आयोग का शीघ्र गठन किया जाए
-मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी बढ़ाई जाए
-प्रधानमंत्री आवास योजना की जियो टैगिंग दोबारा से खोली जाए
-खाद्य सुरक्षा में वंचित परिवारों को पुनः सर्वे करके जोड़ा जाए
-मनरेगा में सामग्री का बकाया भुगतान किया जाए
-प्रशासन गांव के संग अभियान फिर से चलाया जाए
-कृषि भूमि में बसी बस्तियों को आबादी में कन्वर्ट किया जाए
-सभी टेंडर प्रक्रिया ग्राम पंचायत स्तर से जारी की जाए।

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