कई वर्षों तक निकाय और राज्य सरकार में काबिज होने के बावजूद अभी भी कांग्रेस की मौजूदा राज्य सरकार शहरों के विकास के दावे ही कर रही है, जबकि उनको लगभग 50 वर्षों तक शासन करने का राजस्थान में अवसर मिला, लेकिन शहरी निकाय और शहरी क्षेत्र उनके कार्यकाल में जस के तस रहे।
यह तो शुक्र है केंद्र में मोदी जी की सरकार और प्रदेश में भाजपा की सरकार ने ही शहरों के विकास के लिए स्मार्ट सिटी अमृत योजना शहरी निकायों को और अधिक अधिकार देने के साथ-साथ सफाई, सड़क, सीवरेज, रोशनी आदि के लिए सुव्यवस्थित विकास के काम किए।
राज्य सरकार शहरों के प्रति भेदभाव के लिए अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती, साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बातचीत के जरिए महाराष्ट्र में लगाए गए राष्ट्रपति शासन की आलोचना की है, उनको यह नहीं भूलना चाहिए कि केंद्र में कांग्रेस पार्टी की सरकार रहते हुए अनेक अवसरों पर असंवैधानिक तरीके से अनेक प्रदेशों में राष्ट्रपति शासन लगाया था।