पूनियां ने कहा कि नेहरू-गांधी खानदान कांग्रेस की मजबूरी और जरूरत बन गया। सीएम कोशिश रहती है कि सोनिया गांधी खुश कैसे रहें। वो तभी खुश रहेंगी जब नेहरू-गांधी खानदान का महिमामंडन हो। इन योजनाओं के नामकरण से थोड़ा खुश होती होगी। पूनियां ने आरोप लगाया कि गांधी खानदान के अलावा इन्हें कोई नाम पसंद आता नहीं है। केवल गांधी खानदान का महिमामंडन इनकी फितरत में है और ये केवल इसलिए करते हैं ताकि वो लोग खुश रहें। इनकी कुर्सी बची रहे। पूनियां ने पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं में रोड़े अटकाने का भी सरकार पर आरोप लगाया। गौरतलब है कि राजस्थान सरकार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम से आठ बड़ी योजनाएं लॉन्च करने की तैयारी में जुटी है। पहले फेज में लॉन्च होने वाली प्रियदर्शनी महिला उद्यम योजना और महिलाओं को कंप्यूटर और स्किल डवलपमेंट की ट्रेनिंग देने के लिए भी दो योजनाएं अलग से लाई जा रही हैं।
हमारी योजनाओं पर लगाई अड़चनें
11 महीने में हमने जो काम शुरू किया उनमें अड़चन पैदा की नाम बदलने की कोशिश की, जिससे जनता को नुकसान हुआ। मसलन भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना कंटीन्यू होती लाभ होता, आयुष्मान भारत का टाइटल बदला छह महीने तक लोग इलाज के लिए तरसते रहे। अन्नपूर्णा को बंद कर दिया गया।
उपाध्याय के नाम से लाई थी भाजपा योजनाएं
बीजेपी के शासनकाल में जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से कई योजनाओं का नामकरण किया गया था। उस समय कांग्रेस ने विरोध जताया था। सरकार बदलने के साथ ही अब भाजपा इंदिरा गांधी के नाम पर योजनाएं लाने का विरोध कर रही है।