पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि उनका यह बयान असंवैधानिक ही नहीं निंदनीय भी है कि नोटबंदी की तरह आरक्षण खत्म हो जाएगा। भाजपा न कभी आरक्षण खत्म करने के पक्ष में थी और ना ही केन्द्र की भाजपा सरकार कभी आरक्षण खत्म करेगी। देश में पहली बार वंचितों और शोषितों को आरक्षण बाबासाहेब अंबेडकर की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने दिया। जिसमें सिर्फ कांग्रेस का ही योगदान नहीं है।
इसके बाद अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के लिए जनता पार्टी ने मंडल कमीशन बनाया। 1990 में भाजपा समर्थित वीपी सिंह की सरकार ने मंडल कमीशन लागू कर अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया। अटल बिहारी वाजपेयी ने इस आरक्षण को आगे बढ़ाया और मोदी ने सवर्णों को आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया।
कांग्रेस का बार-बार यह विलाप करना कि भाजपा आरक्षण समाप्त कर देगी, यह वंचित और शोषित वर्ग को गुमराह करने का षड्यंत्र मात्र है। यह सरकार धड़ों में बंटी हुई साफ-साफ नजर आ रही है। सरकार और संगठन में समन्वय बैठाने के लिए जो समिति बनाई थी, उसी समिति के आधे लोग बैठक में उपस्थित नहीं हुए।