पूनियां ने कहा कि कांग्रेस बाय डिफ़ॉल्ट सत्ता में आई और उनके केवल 99 सीट्स आई थी। सरकार बनने से लेकर मंत्रिमंडल गठन तक पार्टी के भीतर खींचतान साफ तौर पर नजर आई। उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट लगातार सरकार को घेर रहे हैं। कोटा में बच्चों की मौतों को लेकर उन्होंने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि पार्टी दो टुकड़ों में बंटी हुई है। इस आपसी खींचतान के चलते जनता को नुकसान हो रहा है। विकास के काम ठप पड़े हैं और इन दोनों की लड़ाई के कारण राजस्थान की जनता का अहित हुआ है।
सीएए को लेकर दोहरा चरित्र सामने आया पूनियां ने कहा कि सीएए के मामले में कांग्रेस का दोहरा चरित्र सामने आया है। मुख्यमंत्री समान नागरिकता कानून का एक तरफ विरोध कर रहे हैं। गहलोत ने 2009 में पी. चिदम्बरम को पत्र लिखकर नागरिकता की मांग की थी। राजस्थान के विस्थापितों को नागरिकता के लिए जन घोषणा पत्र में बात कही गई। अभी 3 दिन पहले जो फैसला किया जयपुर में जिन 100 परिवारों को जमीन का आवंटन किया है, दूसरी तरफ नागरिकता का विरोध कर रहे हैं। कम से कम स्पष्ट करें कि वह इसके समर्थन में हैं या विरोध में।