ग्रहमंडल में शनि देव को न्यायाधीश की उपाधि दी गई है। शनि प्रत्येक ढाई साल के बाद राशि बदलते हैं। शनि के एक राशि से दूसरी राशि मे जाने से इसका सभी जातकों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। शनि को मकर और कुंभ राशि का स्वामी माना गया है। स्वयं की राशि में शनि अधिक ताकतवर और प्रभावशाली हो जाते हैं।
——
भारत को पड़ोसी देशों से सावधान रहने की जरूरत
ज्योतिषाचार्य चन्द्रशेखर शर्मा ने बताया कि मकर राशि में शनि का यह भ्रमण देश के लिए अच्छा समय शुरू होने के संकेत दे रहा है। खासकर नए उद्योग लगने की शुरुआत होगी। न्याय पर चलने वालों को सम्मान मिलेगा। खेत-खलिहान के लिए फायदा मिलेगा। वहीं इसका असर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि पर भी होगा। भारत की पड़ोसी देशों के साथ गतिविधियां ठीक नहीं रहेगी। भारत को पाकिस्तान और चीन से सावधान रहने की जरूरत रहेगी।