– धनु, कुंभ व मकर राशि के जातकों को साढ़े साती होगी शुरू – मिथुन व तुला को ढैया होगा शुरू
जयपुर। ग्रहमंडल के न्यायाधीश यानी न्याय के देवता शनि देव (Saturn) 30 साल बाद शुक्रवार को स्वराशि मकर (Capricorn) में प्रवेश करेंगे। शनि सुबह 9 बजकर 56 मिनट पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। वे इस राशि में 17 जनवरी 2023 तक रहेंगे। इसके साथ ही धनु, कुंभ और मकर राशि के जातकों को शनि की साढ़े साती शुरू हो जाएगी। वहीं मिथुन व तुला को ढैया शुरू हो जाएगा। जबकि वृश्चिक राशि के जातकों को शनि उतर जाएगा, वहीं वृष और कन्या राशि के जातकों के ढैया शनि उतर जाएगा।
जयपुर। ग्रहमंडल के न्यायाधीश यानी न्याय के देवता शनि देव (Saturn) 30 साल बाद शुक्रवार को स्वराशि मकर (Capricorn) में प्रवेश करेंगे। शनि सुबह 9 बजकर 56 मिनट पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। वे इस राशि में 17 जनवरी 2023 तक रहेंगे। इसके साथ ही धनु, कुंभ और मकर राशि के जातकों को शनि की साढ़े साती शुरू हो जाएगी। वहीं मिथुन व तुला को ढैया शुरू हो जाएगा। जबकि वृश्चिक राशि के जातकों को शनि उतर जाएगा, वहीं वृष और कन्या राशि के जातकों के ढैया शनि उतर जाएगा।
सम्राट पंचांग के ज्योतिषाचार्य चन्द्रशेखर शर्मा ने बताया कि शनि सुबह 9 बजकर 56 मिनट पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मकर राशि शनि की स्वराशि है। इसमें वे करीब 30 साल बाद प्रवेश कर रहे हैं। इससे पहले शनि मकर राशि में वर्ष 1990 में रहे है। अब मकर राशि में शनि 17 जनवरी 2023 तक रहेंगे।
ढाई साल में राशि बदलते हैं शनि
ग्रहमंडल में शनि देव को न्यायाधीश की उपाधि दी गई है। शनि प्रत्येक ढाई साल के बाद राशि बदलते हैं। शनि के एक राशि से दूसरी राशि मे जाने से इसका सभी जातकों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। शनि को मकर और कुंभ राशि का स्वामी माना गया है। स्वयं की राशि में शनि अधिक ताकतवर और प्रभावशाली हो जाते हैं।
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भारत को पड़ोसी देशों से सावधान रहने की जरूरत
ज्योतिषाचार्य चन्द्रशेखर शर्मा ने बताया कि मकर राशि में शनि का यह भ्रमण देश के लिए अच्छा समय शुरू होने के संकेत दे रहा है। खासकर नए उद्योग लगने की शुरुआत होगी। न्याय पर चलने वालों को सम्मान मिलेगा। खेत-खलिहान के लिए फायदा मिलेगा। वहीं इसका असर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि पर भी होगा। भारत की पड़ोसी देशों के साथ गतिविधियां ठीक नहीं रहेगी। भारत को पाकिस्तान और चीन से सावधान रहने की जरूरत रहेगी।
ग्रहमंडल में शनि देव को न्यायाधीश की उपाधि दी गई है। शनि प्रत्येक ढाई साल के बाद राशि बदलते हैं। शनि के एक राशि से दूसरी राशि मे जाने से इसका सभी जातकों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। शनि को मकर और कुंभ राशि का स्वामी माना गया है। स्वयं की राशि में शनि अधिक ताकतवर और प्रभावशाली हो जाते हैं।
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भारत को पड़ोसी देशों से सावधान रहने की जरूरत
ज्योतिषाचार्य चन्द्रशेखर शर्मा ने बताया कि मकर राशि में शनि का यह भ्रमण देश के लिए अच्छा समय शुरू होने के संकेत दे रहा है। खासकर नए उद्योग लगने की शुरुआत होगी। न्याय पर चलने वालों को सम्मान मिलेगा। खेत-खलिहान के लिए फायदा मिलेगा। वहीं इसका असर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि पर भी होगा। भारत की पड़ोसी देशों के साथ गतिविधियां ठीक नहीं रहेगी। भारत को पाकिस्तान और चीन से सावधान रहने की जरूरत रहेगी।