नए टैक्स सिस्टम से प्रभावित होगी बचत
जयपुरPublished: Feb 16, 2020 11:29:16 pm
कर बोझ कम होगा
नए टैक्स सिस्टम से प्रभावित होगी बचत
नई दिल्ली. सरकार की बिना छूट और कटौती वाली नई वैकल्पिक कर व्यवस्था से देश में बचत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में व्यक्तिगत आयकर दाताओं को छूट और कटौती के लाभ के साथ मौजूदा कर योजना में बने रहने या कर की कम दर के साथ नई सरलीकृत कर व्यवस्था अपनाने का विकल्प दिया है। लेकिन नई कर व्यवस्था में कोई छूट और कटौती का लाभ नहीं मिलेगा। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (एनआईपीएफ) के प्रोफेसर एनआर भानुमूर्ति ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में मांग में गिरावट के कारण अर्थव्यवस्था में नरमी को देखते हुए सरकार ने प्रत्यक्ष कर दरों (व्यक्तिगत और कंपनी कर दोनों में) में कटौती कर प्रोत्साहन देने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, ‘हालांकि इससे मांग को गति देने में मामूली फर्क पड़ सकता है लेकिन दूसरी तरफ इसका घरेलू बचत पर भी असर पड़ेगा, क्योंकि कर दरों में कटौती का लाभ तभी मिलेगा जब छूट और कटौती नहीं ली जाएगी। वर्ष 2012 में बचत दर 36 प्रतिशत थी, लेकिन वह अब घटकर 30 प्रतिशत पर आ गई है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर रोहित आजाद ने कहा कि इस प्रस्ताव के कारण बचत दर कम हो सकती है लेकिन नरमी के दौरान यह कोई बुरी बात नहीं है। उन्होंने कहा, ‘लेकिन खराब बात यह है कि इस प्रस्ताव के जरिए ऐसी धारणा सृजित की जा रही है कि शुद्ध रूप से मध्य और निम्न मध्यम वर्ग के लिए कर बोझ कम होगा।