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भ्रष्टाचार: ढाई साल में वेतन के अलावा कहां से आए 23 लाख, अलग से दर्ज होगा केस

locationजयपुरPublished: Feb 18, 2021 04:04:58 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के अधिकारी दूसरों की बेनामी सम्पत्ति पर नजर रखते हैं लेकिन ब्यूरो की सवाईमाधोपुर चौकी के तत्कालीन प्रभारी भैरुलाल मीणा खुद ही सम्पत्ति बनाने में जुटे रहे।

Sawai Madhopur SP Bherulal Meena Taking Bribe case

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जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के अधिकारी दूसरों की बेनामी सम्पत्ति पर नजर रखते हैं लेकिन ब्यूरो की सवाईमाधोपुर चौकी के तत्कालीन प्रभारी भैरुलाल मीणा खुद ही सम्पत्ति बनाने में जुटे रहे। मीणा को रंगेहाथ पकडऩे के बाद ब्यूरो ने पड़ताल की तो यह सच सामने आया है। ब्यूरो में पोस्टिंग के दौरान मीणा के बैंक खातों में नकदी की ‘बारिश’ हो रही थी। यहां ढाई साल में वेतन के अलावा भैरुलाल और उनकी पत्नी के बैंक खातों में 23 लाख रुपए जमा हुए।
मीणा की एसीबी में पोस्टिंग अप्रेल 2018 में हुई। उन्हें सवाईमाधोपुर चौकी का प्रभारी बनाया गया। गिरफ्तारी के बाद ब्यूरो ने उनकी तैनाती के दौरान आय का आकलन किया। मीणा के 3 व उनकी पत्नी के एक बैंक खाते की पड़ताल की। इसमें सामने आया कि भारी राशि सीधे बैंक खातों में जमा हुई। यह नकदी किसने जमा कराई, इसका खुलासा नहीं हो पाया है।
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ब्याज पर देते रकम, अब आय से अधिक सम्पत्ति का मामला दर्ज होगा: मीणा के बैंक खातों के साथ ब्यूरो को सूद वसूलने की जानकारी भी मिली है। दस्तावेजों से साफ है कि मीणा सूद के लिए लोगों को रकम उधार देते थे। दो रुपए सैकड़ा ब्याज के हिसाब से वसूली के दस्तावेज मिले हैं। वेतन से अलावा लेन-देन का बड़ा हिसाब मिलने पर ब्यूरो अब मीणा के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति का मामला दर्ज करने की तैयारी में है।
अदालत से मिली जमानत
कुछ माह पहले ब्यूरो के एडीजी दिनेश एमएन ने सवाईमाधोपुर में जनसुनवाई की तब मीणा के खिलाफ शिकायत मिली थी। इस पर एसीबी ने जाल बिछाया और बंधी के रूप में 80 हजार रुपए की रिश्वत लेते मीणा को 9 दिसबर को पकड़ लिया। रिश्वत देने वाले जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) महेशचन्द को भी गिरतार किया गया। अदालत ने 2 दिन पहले ही मीणा की जमानत मंजूर की है।
वेतन के अलावा इतनी ‘कमाई’
04 बैंक खातों में जमा हुई रकम
11लाख रुपए से अधिक नकदी जमा हुई मीणा के 3 बैंक खातों में एसीबी में तैनाती के दौरान
12लाख रुपए जमा हुए पत्नी के खाते में, जबकि पत्नी गृहिणी हैं और जिनकी आय का कोई स्रोत नहीं बताया
23 लाख रुपए अज्ञात स्रोत से जमा हुए कुल ढाई वर्ष में
(यह रकम विभिन्न बैंक खातों तथा वेतन से मिली रकम से अलग है)

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