जयपुर।
स्त्री मन के सपने, सोच और बदलते तेवर, बदलते युग में बदलती भूमिका नइ पीढ़ी के बदलते तेवर, पर्यावरण के प्रति चिंता और सुंदर स्वस्थ समाज की अभिव्यक्ति जैसे कई विषयों बुधवार को शब्दों के सौन्दर्य के साथ झलके।
मौका था, All India Radio आकाशवाणी जयपुर (AkashVani Jaipur)और कानोडिय़ा पीजी (kanoria pg
girls college)गल्र्स कॉलेज की ओर से हुए कार्यक्रम काव्य गोष्ठी ‘सावन के रंग’ (Kavya Goshti) का। कार्यक्रम में जहां महिला कवयित्रियों ने प्रकृति और प्रेम को अपनी रचनाओं से समझाने की कोशिश की। वहीं आधी आबादी के भाव और व्यथा को भी मुखर करने का प्रयास किया।
दोपहर 12 बजे हुए कार्यक्रम की शुरूआत उपमहानिदेशक रणवीर सिंह त्यागी ने अपने संबोधन से की। उन्होंने कहा कि आकाशवाणी हर उम्र के श्रोताओं के रुचि को परिष्कृत करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। यह कार्र्यक्रम भी उसी का एक हिस्सा है। इसके बाद दिवंगत नेत्री सुषमा स्वराज (sushma swaraj) को ट्रिब्यूट दिया गया।
इस दौरान कॉलेज (College) की प्रिंसिपल डॉ. सीमा अग्रवाल ने कहा कि साहित्य- सांस्कृतिक गतिविधियंो को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम के दौरान कार्यक्रम प्रमुख रेशमा खान ने सभी का स्वागत किया। वहीं उद्घोषक के तौर पर वीना चतुर्वेदी और सोनल माथुर ने आभार जताया। कार्यक्रम में अजंता देव, नीलिमा टिक्कू, समृद्धि शर्मा अनुपमा तिवाड़ी, डॉ. जीनत कैफी, अजन्ना टंडन सहित कई कवियित्रियों ने अपनी रचनाओं से तालियां बटोरीं। पेश हंै कुछ अंश…
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ये लकीरें हैं, उसके जाने की
पर उसका जहर खींचे है
मुझे यूं तो हर छांव हासिल है
मगर वो दोपहर खींचे है मुझे…
-अजंता देव
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मेरे कलम में रहते हैं हरसिंगार जैसे
कोमल महकते कैक्टस जैसे
नुकीले धारदार शब्द…
-अनुपमा तिवाड़ी
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अपनी पगडंडी खुद बनाओ
और भर लेने दो उड़ान
ना कांटो ये पर कि
हौसले अभी मरे नहीं…
-समृद्धि शर्मा