यूं तो प्रत्येक सोमवार भगवान शिव की उपासना की जाती है लेकिन सावन सोमवार की अलग महत्ता है। मान्यता है कि सावन सोमवार को व्रत रखने और शिवपूजन से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि शिवजी की पूजा पूरे परिवार सहित अर्थात् शिवलिंग, माता पार्वती, कार्तिकेयजी, गणेशजी और उनके वाहन नन्दी के साथ की जानी चाहिए। शिवजी की पूजा में गंगाजल का उपयोग जरूर करें। पूजा सामग्री में उनकी प्रिय वस्तुएं भांग, धतूरा आदि भी रख सकते हैं पर बिल्वपत्र जरूर रखें। इसके अलावा जल, दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत, कलावा, वस्त्र, जनेऊ, चन्दन, रोली, चावल, फूल, दूर्वा, फल, आक, कमल−गट्टा, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, पंचमेवा, धूप, दीप आदि आवश्यक हैं।
शिव पूजा विधि:
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार सावन सोमवार को सुबह स्नान करके साफ कपड़े धारण करें। पूजा स्थल पर गंगाजल का छिड़काव करें। दीपक जलाएं और भगवान शिव की विधि विधान से पूजाकर उनके मंत्र जाप करें। ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप जरूर करें। शिवलिंग पर जल जरूर अर्पित करना चाहिए। मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल व दूध का अभिषेक करें। संभव हो तो रात्रि में आसन बिछा कर सोना चाहिए।