मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट का केंद्र से जवाब-तलब
जयपुरPublished: Oct 27, 2019 12:09:35 am
लैंगिक समानता: पीरजादे दंपती की याचिका
मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट का केंद्र से जवाब-तलब
नई दिल्ली . सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को देश भर की मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं के प्रवेश की मांग से जुड़ी याचिका पर केंद्र सरकार से 5 नवंबर तक जवाब मांगा है। याचिका में महिलाओं के मस्जिदों में प्रवेश और वहां उनके नमाज अदा करने पर लगी प्रतिबंध को असंवैधानिक और जीवन, समानता व लैंगिक न्याय के मौलिक अधिकारों के खिलाफ बताया गया है।
याचिका में केंद्र सरकार के साथ मुस्लिम संस्थाओं को मस्जिदों में महिलाओं को नमाज पढऩे की अनुमति देने का निर्देश देने की अपील की गई है। याचिका में दलील दी गई है कि भारत में मस्जिदों को राज्य की ओर से लाभ व अनुदान मिलते हैं ऐसे में मस्जिदों में प्रवेश की अनुमति देने के निर्देश दिए जा सकते हैं।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एसए नजीर की पीठ ने इस तथ्य को संज्ञान में लिया कि उन्होंने अप्रैल में महिला एवं बाल कल्याण, कानून एवं न्याय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय समेत राष्ट्रीय महिला आयोग से जवाब तलब किया था, लेकिन इनमें से तीन पक्षों को नोटिस ही नहीं दिए गए। पीठ ने महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड, केंद्रीय वक्फ परिषद और ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड को नोटिस के साथ याचिका की प्रतियां भी देने का
आदेश दिया।
सबरीमला पर फैसले के चलते कर रहे सुनवाई
याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए कहा था कि सबरीमला मंदिर मामले में फैसला सुनाने के कारण ही वह इस याचिका की सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 28 सितंबर को केरल के सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का रास्ता साफ किया था। पीठ ने मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी पाबंदी को लैंगिंग भेदभाव बताया था।