62 लाख की एक एंट्री ने खोली पोल
जांच के दौरान सामने आया कि अधापुर सोसाइटी में एक ही एंट्री के साथ 62 लाख रुपए जमा कराए गए हैं। यह क्यों जमा कराए गए हैं। इसका जवाब न सोसाइटी के पास था न ही बैंक अधिकारियों के पास। सवाल-जवाब हुए तो भरतपुर सीसीबी (केन्द्रीय सहकारी बैंक) में एक और घोटाले का खुलासा हुआ। पहले भाजपा सरकार ने 2018 में पचास हजार रुपए तक और फिर 2019 कांग्रेस सरकार ने सभी अल्पकालीन फसली ऋण माफ किए थे। घोषणा के साथ किसानों के खातों से ऋण माफ कर दिया गया। यह राशि राज्य सरकार ने अपेक्स बैंक को उपलब्ध कराई। अपेक्स बैंक से राशि केन्द्रीय सहकारी बैंक और फिर शाखाओं को भेजी गई। भरतपुर सीसीबी की कुछ शाखाओं में अधिकारियों ने राशि ऋण खाते के बजाय बचत खाते में जमा कर ली। जबकि ऋण खातों में बकाया चल रहा है।
इस मामले में कामां ब्रांच के तत्कालीन प्रभारी नवीन गौतम व दिलबाग सिंह, डीग शाखा प्रभारी पवन तिवाड़ी तथा कलक्ट्रेट ब्रांच प्रभारी राजेश सिंह निलंबित किए जा चुके हैं। राजेश सिंह पहले घोटाले में ही निलम्बित थे।